RANCHI
प्रदेश राजद प्रवक्ता कैलाश यादव ने आरोप लगाया है कि देशभर में चल रही SIR (Special Summary Revision/Survey) प्रक्रिया के बहाने केंद्र सरकार NRC को दोबारा लागू करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने प्रेस बयान जारी कर कहा कि “मुख्य चुनाव आयोग SIR कराकर मोदी सरकार का एजेंडा लागू कर रहा है।”
कैलाश यादव ने दावा किया कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने NRC लागू करने का प्रयास किया था, लेकिन जोरदार विरोध के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उन्होंने कहा कि अब SIR के नाम पर “घुसपैठियों” की आड़ में मिशनरी और मुस्लिम समुदाय को टारगेट कर राजनीतिक ध्रुवीकरण किया जा रहा है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है, लेकिन हाल के कदमों से ऐसा प्रतीत होता है कि वह RSS और केंद्र सरकार के एजेंडे पर काम कर रहा है। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग SIR के तहत मिले कथित घुसपैठियों की संख्या सार्वजनिक करे, ताकि देश सच्चाई जान सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में SIR प्रक्रिया के दौरान करोड़ों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए, जिनमें सबसे बड़ी संख्या यादव, मुस्लिम, आदिवासी और खेतिहर मजदूरों की रही। उन्होंने कहा कि पलायन और विस्थापन बिहार, झारखंड, यूपी, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में गंभीर मुद्दा है, लेकिन SIR में इन तथ्यों की अनदेखी की गई।
कैलाश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार सहित भाजपा नेताओं पर “घुसपैठ” के मुद्दे पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र में 11 वर्षों से भाजपा की सरकार है, तो घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी भी उसी की है, क्योंकि बॉर्डर सिक्योरिटी गृह मंत्रालय के अधीन है।
उन्होंने अंत में दावा किया कि SIR के बहाने गैर-भाजपा वोटरों की पहचान कर उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं, जिसका असर हाल के बिहार विधानसभा चुनावों में देखा गया, जहां “सबसे अधिक वोट प्रतिशत मिलने के बावजूद राजद को मशीनरी के इस्तेमाल से हराया गया।”
SIR प्रक्रिया पर सवाल: RJD ने कहा- NRC एजेंडा आगे बढ़ा रहा चुनाव आयोग, गैर–भाजपा वोटरों के नाम हटाए जा रहे
Kailash Yadav, Accuses , Election Commission , NRC , SIR
Kailash Yadav Accuses Election Commission of Pushing NRC Agenda Through SIR
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प्रदेश राजद प्रवक्ता कैलाश यादव ने आरोप लगाया है कि देशभर में चल रही SIR (Special Summary Revision/Survey) प्रक्रिया के बहाने केंद्र सरकार NRC को दोबारा लागू करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने प्रेस बयान जारी कर कहा कि “मुख्य चुनाव आयोग SIR कराकर मोदी सरकार का एजेंडा लागू कर रहा है।”
कैलाश यादव ने दावा किया कि पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने NRC लागू करने का प्रयास किया था, लेकिन जोरदार विरोध के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उन्होंने कहा कि अब SIR के नाम पर “घुसपैठियों” की आड़ में मिशनरी और मुस्लिम समुदाय को टारगेट कर राजनीतिक ध्रुवीकरण किया जा रहा है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है, लेकिन हाल के कदमों से ऐसा प्रतीत होता है कि वह RSS और केंद्र सरकार के एजेंडे पर काम कर रहा है। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग SIR के तहत मिले कथित घुसपैठियों की संख्या सार्वजनिक करे, ताकि देश सच्चाई जान सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में SIR प्रक्रिया के दौरान करोड़ों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए, जिनमें सबसे बड़ी संख्या यादव, मुस्लिम, आदिवासी और खेतिहर मजदूरों की रही। उन्होंने कहा कि पलायन और विस्थापन बिहार, झारखंड, यूपी, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में गंभीर मुद्दा है, लेकिन SIR में इन तथ्यों की अनदेखी की गई।
कैलाश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार सहित भाजपा नेताओं पर “घुसपैठ” के मुद्दे पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र में 11 वर्षों से भाजपा की सरकार है, तो घुसपैठ रोकने की जिम्मेदारी भी उसी की है, क्योंकि बॉर्डर सिक्योरिटी गृह मंत्रालय के अधीन है।
उन्होंने अंत में दावा किया कि SIR के बहाने गैर-भाजपा वोटरों की पहचान कर उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं, जिसका असर हाल के बिहार विधानसभा चुनावों में देखा गया, जहां “सबसे अधिक वोट प्रतिशत मिलने के बावजूद राजद को मशीनरी के इस्तेमाल से हराया गया।”

