आदिवासी समाज भीख नहीं मांगता- हक़ के लिए लड़ना उसकी परंपरा, उसकी ताक़त है: फुरकान अंसारी

3rd December 2025

Ranchi

पूर्व सांसद फ़ुरकान अंसारी ने आज झारखंड की मौजूदा सियासी हलचल पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे भारत के सबसे मज़बूत और बड़े आदिवासी नेता हैं। वे दिवंगत गुरुजी शिबू सोरेन के वह वारिस हैं, जिन्होंने संघर्ष और स्वाभिमान की राजनीति का नया इतिहास लिखा।

उन्होंने कहा की “आदिवासी समाज अपना हक़ लड़कर लेता है, भीख की जरुरत नहीं होती। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपरीत परिस्थितियों में भी ऐतिहासिक वापसी कर दिखाया है और एक बार फिर झारखंड को स्थिर, संवेदनशील और जवाबदेह सरकार दी है। यही बात भाजपा को सबसे ज्यादा चुभती है, इसलिए वे लगातार अफवाह, भ्रम और सियासी शगूफे छोड़ती रहती है।”

“गुरुजी और हमने मिलकर झारखंड लिया था और झारखंड को झुकने नहीं देंगे” पूर्व सांसद ने कहा कि झारखंड अलग राज्य बनने की लड़ाई में गुरुजी शिबू सोरेन और उन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष किया।

“हमारी सोच सिर्फ एक थी, झारखंड मजबूत बने, झारखंड का हक झारखंड को मिले। आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उसी सपने को पूरा कर रहे हैं। बीच में बाधाएँ आती हैं, मगर वे बिना डर और बिना विचलन के राज्य के विकास में लगे हैं।”

पूर्व सांसद फ़ुरकान अंसारी ने कहा कि “केंद्र सरकार ने झारखंड का वैध बकाया जानबूझकर रोक रखा है। यह आर्थिक अन्याय है। भाजपा सरकार प्रेशर पॉलिटिक्स का गंदा खेल खेल रही है, ताकि झारखंड की सरकार को बदनाम किया जा सके। लेकिन झारखंड ना झुका है, ना झुकेगा।”

केंद्र ने झारखंड का हक रोका, लेकिन गुजरात-उत्तर प्रदेश में हजारों करोड़ के पैकेज बाँट रही — यह संघीय ढांचे पर हमला है।

भाजपा को झारखंड के आदिवासी स्वाभिमान से डर लगता है। यही वजह है कि वे बार-बार हेमंत सोरेन को निशाना बनाते हैं। जनता ने स्थिर सरकार चुनी है, भाजपा जनता के जनादेश का अपमान कर रही है। अंत में पूर्व सांसद ने कहा की “जिस झारखंड को संघर्ष कर के बनाया, उसे कुछ लोग तोड़ने का सपना देख रहे हैं। लेकिन याद रखिए, झारखंड की आत्मा आदिवासी स्वाभिमान है, और वह कभी किसी सत्ता के आगे नहीं झुकता।”

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