पटना
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पटना में अति पिछड़ा न्याय संकल्प जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वे जो “हाइड्रोजन बम” की बात कर रहे हैं, वो जल्द ही आएगा और देश की राजनीति में बड़ा बदलाव लेकर आएगा। उन्होंने कहा कि इस बम का मतलब सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है, जिसमें जातीय जनगणना और आरक्षण की सीमा तोड़ने जैसे क्रांतिकारी फैसले शामिल हैं।
राहुल गांधी ने अपने 15 दिन के ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान उन्होंने बिहार के कई जिलों का दौरा किया और युवाओं को बताया कि आज देश के संविधान पर हमला हो रहा है। उन्होंने कहा, “सिर्फ बिहार ही नहीं, पूरे देश में नागरिकों के अधिकार छीने जा रहे हैं। संसद में मैंने प्रधानमंत्री मोदी के सामने दो बातें स्पष्ट रूप से रखी—पहली, देशभर में जातीय जनगणना कराई जाएगी; और दूसरी, हम 50% आरक्षण की सीमा को तोड़ेंगे।”
राहुल गांधी ने आगे कहा कि आज भी देश में अति पिछड़ा वर्ग, पिछड़ा वर्ग, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वह भागीदारी नहीं पा रहे हैं जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सोच है कि हम जातीय जनगणना कराएं और यह सच्चाई देश के सामने लाएं कि दलित, पिछड़े, अति पिछड़े, अल्पसंख्यक और गरीब सवर्णों की आबादी क्या है। दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश में जाति आधारित आंदोलन पर रोक लगा दी गई है—यह दो विचारधाराओं की लड़ाई है। एक तरफ हमारी समावेशी सोच है, और दूसरी तरफ दबाव और रोक की राजनीति।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस अवसर पर कहा कि अगर बिहार में कांग्रेस की सरकार बनती है, तो एक 10-सूत्री कार्यक्रम लागू किया जाएगा। इसमें पिछड़े वर्गों, दलितों और वंचितों को उनके अधिकार दिलाने की प्राथमिकता होगी। राहुल गांधी के इस बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस सामाजिक न्याय और भागीदारी के मुद्दों को लेकर आक्रामक रणनीति अपनाएगी।




