फिर से पकड़ौआ विवाह की जद में बिहार, 2024 में अपहरण कर अब तक 66 शादियां हुईं

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बिहार में फिर से पकड़ौआ विवाह का चलन बढ़ने लगा है। एक गैरसरकारी रपट के मुताबिक इसी साल अपहरण कर अबतक 66 विवाह हो चुके हैं। बता दें कि बिहार में पकड़ौआ विवाह लगभग तीन दशक पहले तक चलन में था। अब इस परिपाटी में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि इस तरह के मामले को लेकर कोई सरकारी डाटा नहीं किया गया है। लेकिन लोगों से बातचीत, मिली जानकारियों और दरभंगा के एक निजी स्वंयसेवी संगठन के द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर बताया गया है कि 2024 में तीन दशक के बाद सबसे अधिक पकड़ौआ विवाह हुए हैं।
बता दें कि पकड़ौआ विवाह में वधु पक्ष के लोग शादी के लायक लड़के का अपहरण कर उसकी शादी करा देते हैं। इस विवाह में दिन से लेकर दो-तीन महीने तक का समय लग जाता है। अधिकतर मामलों में देखा गया है दोनों पक्ष में बाद में समझौता हो जाता है। इस संबंध में
भागलपुर जिले के भ्रमरपुर गांव से ताजा खबर है। बताया गया है कि दिल्ली-एनसीआर में सरकारी नौकरी में कार्यरत युवक की जबरन शादी दिल्ली में ही करवा दी गई। इस मामले को लेकर परिजनों ने जब आपत्ति दर्ज की तो बाद में समझौता हो गया। इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि पितृपक्ष में ही इस विवाह को कराया गया। कुछ नजदीक के ही रिश्तेदारों के द्वारा लड़के का अपहरण कर उसकी शादी करा दी गयी।

16th October 2024

इसी तरह, पूर्णिया जिले के बनमनखी अनुमंडल स्थित काझी गांव निवासी एक युवक का भी विवाह दुर्गा पूजा के दो दिन पहले अपहरण कर करा दिया गया। इस विवाह की शिकायत पुलिस से भी की गयी। वहीं, अररिया जिले के शंकरपुर गांव निवासी एक सरकारी बैंक में कार्यरत क्लर्क की शादी जबरन बेगूसराय जिले में करवा दी गई। युवक अपने एक दोस्त के साथ भाई की सगाई के लिए बेगूसराय गया हुआ था। एक अन्य रपट के मुताबिक पकड़ौआ विवाह के सबसे अधिक मामले राज्य के उत्तर-पूर्व हिस्से से सामने आते रहे हैं।

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