यूपी में बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों पर सख्त कार्रवाई, सभी मंडलों में डिटेंशन सेंटर बनाने के निर्देश

4th December 2025


CENTRAL DESK

उत्तर प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर अब बड़े पैमाने पर सख्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के 17 नगर निकायों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में कार्यरत रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की अलग सूची तैयार करें और यह सूची कमिश्नर तथा आईजी को सौंपें। साथ ही, सभी जिलों को अस्थाई डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की तैयारी तुरंत शुरू करने को कहा गया है।

प्रथम चरण में कमिश्नर और आईजी को अपने-अपने मंडलों में डिटेंशन सेंटर की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। निर्देश जारी होते ही प्रशासनिक मशीनरी सक्रिय हो गई है और जिलों में उपयुक्त स्थानों की पहचान तेज़ी से शुरू कर दी गई है।

दिल्ली मॉडल पर यूपी में भी डिटेंशन सेंटर की तैयारी

राज्य सरकार विदेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया पूरी होने तक सुरक्षित रखने के लिए दिल्ली की तर्ज पर जिलों में डिटेंशन सेंटर बनाने की योजना पर आगे बढ़ रही है। शासन ने जिलों को आदेश दिया है कि वे खाली सरकारी भवन, सामुदायिक केंद्र, पुलिस लाइनें, थाना परिसरों या अन्य सुरक्षित स्थान चिह्नित करें, जहां इन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में रखा जा सके।

भोजनचिकित्सासुरक्षा की पूरी व्यवस्था, सत्यापन जारी

दिल्ली में फिलहाल करीब 18 डिटेंशन सेंटर संचालित हैं, जिनमें लगभग 1500 विदेशी नागरिक रखे गए हैं—जिनमें अवैध रूप से आए बांग्लादेशी, रोहिंग्या और अफ्रीकी मूल के कई देशों के लोग शामिल हैं। यूपी में भी इसी मॉडल पर डिटेंशन सेंटरों में भोजन, पेयजल, इलाज और सुरक्षा की विस्तृत सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

राज्य में पकड़े गए कई बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों द्वारा भारतीय दस्तावेज तैयार करवा लेने की शिकायतों के चलते उनका सत्यापन भी तेजी से कराया जा रहा है। आगे चलकर एफआरआरओ (Foreign Regional Registration Office) के माध्यम से इन्हें उनके देशों में भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। देश के विभिन्न राज्यों में पकड़े गए घुसपैठियों को पश्चिम बंगाल और असम सीमा पर बीएसएफ की मदद से वापस भेजा जाता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) सभी राज्यों को भेजी है। इसी SOP के आधार पर अब उत्तर प्रदेश में भी डिटेंशन सेंटरों की स्थापना, प्रबंधन और सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला प्रशासन तथा पुलिस के पास होगी। इसके साथ ही, पकड़े गए प्रत्येक घुसपैठिए की जानकारी प्रतिदिन गृह विभाग को भेजना अनिवार्य किया गया है।

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