राजधानी में होगा ‘पाहन सम्मान महासम्मेलन’, आदिवासी परंपराओं के संरक्षण पर जोर

रांची:

धुर्वा सेक्टर स्थित धूमकुड़िया भवन में शनिवार की शाम ‘ट्राइब फर्स्ट’ अभियान के तहत एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया। इस मौके पर मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने जानकारी दी कि 8 जून को नामकुम के भुसुर फुटबॉल मैदान में ‘पाहन सम्मान महासम्मेलन’ का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इस महासम्मेलन में आदिवासी और जनजातीय समुदाय की पारंपरिक पूजा-पद्धतियों, जन्म, विवाह और मृत्यु से जुड़े अनुष्ठानों को लोगों तक पहुंचाया जाएगा। साथ ही जनवरी से दिसंबर तक होने वाले विभिन्न आदिवासी धार्मिक पर्वों और अनुष्ठानों की जानकारी भी साझा की जाएगी।

आदिवासी संस्कृति पर खतरा
अध्यक्ष सोमा उरांव ने चिंता जताई कि आजकल आदिवासी समाज पर नई परंपराओं का दबाव डाला जा रहा है, जिससे उनकी पारंपरिक सामाजिक व्यवस्था में बदलाव और विघटन आ रहा है। इसका असर उनकी सांस्कृतिक पहचान पर पड़ रहा है, जो अब खतरे में है। इसी वजह से यह महासम्मेलन आयोजित किया जा रहा है ताकि लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके और उनकी मूल पहचान को बचाया जा सके।

महासम्मेलन की तैयारी
महासम्मेलन को सफल बनाने के लिए प्रखंड स्तर पर टीमें बनाई गई हैं। इनके जरिए पाहन, पुजार, महतो, पइन, भोरा, कोटवार जैसे समुदाय के धार्मिक और सामाजिक अगुवाओं को आमंत्रित किया जाएगा। रांची जिले के 18 प्रखंडों से पाहन इस महासम्मेलन में भाग लेंगे।

सम्मेलन में उपस्थित लोग
इस मौके पर आरती कुजूर, रितेश उरांव, संदीप उरांव, अंजलि लकड़ा, भीम मुंडा, विमल पाहन, विश्वकर्मा पाहन, सोमा उरांव, मेघा उरांव, मुकेश भगत, जगन्नाथ भगत, सोमानी पहनाइन, फागु मुंडा, सोनी हेमरोम, राजू उरांव, बबीता कुजूर, रवि प्रकाश उरांव, सनी उरांव, और विकास उरांव समेत कई लोग मौजूद रहे।

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