स्थापना दिवस पर CM का गर्व भरा संदेश: हम देश के मूलवासी, झारखंड वीरों की धरती; अगले 25 साल में झारखंड होगा विकसित राज्य

15th November 2025

RANCHI

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और झारखंड राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर रांची स्थित मोरहाबादी मैदान में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार उपस्थित रहे, जबकि समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने की।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिन गर्व और ऐतिहासिक महत्व का है। एक ओर हम धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर झारखंड राज्य स्थापना का रजत पर्व भी मना रहे हैं। उन्होंने सभी अमर वीरों, वीरांगनाओं और उन पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने राज्य निर्माण के लिए संघर्ष किया और बलिदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उनके सपनों का झारखंड बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

आज दिशोम गुरु शिबू सोरेन होते तो यह मंच और भी गरिमामय होता

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस का यह उत्सव अत्यंत उल्लासपूर्ण है, किंतु मन में एक भावनात्मक खालीपन भी है, क्योंकि दिशोम गुरु शिबू सोरेन अब हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के प्रणेता और मार्गदर्शक रहे शिबू सोरेन की अनुपस्थिति आज गहराई से महसूस हो रही है। उनके संघर्ष और योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता, क्योंकि वे आदिवासी-मूलवासी समाज तथा पूरे झारखंड की पहचान थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की धरती ने बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, नीलाम्बर-पीताम्बर और टाना भगत जैसे अनेक क्रांतिकारियों को जन्म दिया। इन वीरों ने अन्याय और शोषण के विरुद्ध लड़कर जल-जंगल-जमीन की रक्षा की तथा अलग राज्य की मांग को दिशा दी। उनके संघर्ष और बलिदान का ही परिणाम है कि आज हर झारखंडी गर्व से कहता है— हम झारखंडी हैं।

आदिवासी इस देश के मूलवासी और प्रथम वासी हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए आदिवासी-मूलवासी समुदाय ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया। आदिवासी इस देश के मूलवासी हैं, प्रथम वासी हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखते हुए उसे वैश्विक मंच पर स्थापित करना है। इसके लिए सभी को समान गति से आगे बढ़ना होगा।

विकसित देश तभी बनेगा जब राज्य और गांव विकसित होंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि मजबूत और विकसित भारत के लिए राज्यों का विकसित होना अनिवार्य है और राज्य तभी विकसित होगा जब गांव मजबूत होंगे। सरकार गांवों की समृद्धि पर विशेष ध्यान दे रही है, क्योंकि गांव की प्रगति ही राज्य तथा देश की खुशहाली का मार्ग खोलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की धरती प्राकृतिक संसाधनों, खनिजों, पर्यटन और खेल की अद्भुत संभावनाओं से भरी है। यहां का श्रम बल देश की प्रगति में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सरकार इन क्षमताओं को पहचानते हुए भावी पीढ़ी के लिए नए अवसरों और मार्गों का निर्माण कर रही है।

विश्व पटल पर भारत की पहचान में झारखंड की बड़ी भूमिका

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की वैश्विक पहचान में झारखंड का योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यहां के खनिज संसाधनों और श्रम शक्ति ने देश को अपनी आर्थिक और औद्योगिक यात्राओं में बल प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 वर्षों में राज्य ने लंबी यात्रा तय की है और अब यह परिवर्तन तेजी से आगे बढ़ रहा है। व्यवधानों को दूर कर राज्य को अग्रणी राज्यों की कतार में खड़ा करने का प्रयास निरंतर जारी है।

“महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में निर्णायक कदम”

मुख्यमंत्री ने बताया कि आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए सरकार लगातार योजनाओं का विस्तार कर रही है। मुख्यमंत्री मइंया सम्मान योजना जैसे मॉडलों को अब अन्य राज्य भी अपनाने लगे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में भी महिलाओं के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं।

शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, पर्यटनहर क्षेत्र में नए आयाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को हर दिशा में आगे ले जाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और पर्यटन सहित सभी क्षेत्रों में नए आयाम जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड को सजाने-संवारने और विकसित करने की जिम्मेदारी हम सभी की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रहा है, लेकिन अब आगे के 25 वर्षों की तैयारी करनी होगी। प्रकृति के साथ संतुलन रखते हुए आत्मनिर्भर और मजबूत झारखंड का निर्माण करना हमारी साझा ज़िम्मेदारी है।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की प्रदर्शनी का अवलोकन

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने परिसर में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें झारखंड के 25 वर्षों की यात्रा, अमर वीर शहीदों की गाथाएँ और शिबू सोरेन के संघर्ष को प्रदर्शित किया गया था। झारखंड की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तिका का भी विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में 8,799 करोड़ रुपये की 1087 योजनाओं का उपहार राज्य को मिला। इनमें 878 योजनाओं का उद्घाटन और 209 योजनाओं का शिलान्यास शामिल रहा।

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