GARHWA
चिनिया थाना क्षेत्र के सेमर टांड के जंगल में 16 अक्टूबर को सुशील कोरवा का क्षत-विक्षत शव बरामद होने के बाद मामले ने सनसनी फैला दी। सुशील, राजेंद्र कोरवा के पुत्र, 11 अक्टूबर से लापता थे। मृतक के परिजनों ने हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इस हत्याकांड का खुलासा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रोहित रंजन सिंह ने रविवार को किया। उन्होंने बताया कि सुशील कोरवा की गुमशुदगी की सूचना मिलने के बाद विशेष जांच दल का गठन किया गया था। लगातार जांच के बाद 17 अक्टूबर को कुसुमदामर झाड़ी से उनका शव बरामद हुआ।
पुलिस ने मृतक के पिता के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की और त्वरित कार्रवाई करते हुए नामजद अभियुक्त रोहित कुमार यादव, संतोष यादव और कोमल यादव को गिरफ्तार किया। अभियुक्तों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त तीन लाठियां, मृतक के कपड़े, मोबाइल और चप्पल बरामद किए गए। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
जांच में सामने आया कि 12 अक्टूबर की रात करीब 3 बजे सुशील कोरवा गढ़वा से कार्यक्रम देखकर दोस्तों के साथ चिनिया लौट रहे थे। घर न जाकर वे अभियुक्त रोहित यादव के बथान पर भैंस के पास खड़े हुए। इस दौरान रोहित यादव ने उन्हें भैंस चोरी के संदेह में लाठी से पीटना शुरू कर दिया और चोर-चोर का शोर मचाया। हल्ला सुनकर संतोष यादव और कोमल यादव भी मौके पर पहुंचे और तीनों ने मिलकर सुशील कोरवा को बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस के अनुसार, बाद में तीनों ने शव को झाड़ी में छिपा दिया और मृतक का कपड़ा, मोबाइल व चप्पल उसके भाई को सौंप दिए ताकि सच्चाई छुपाई जा सके। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रोहित रंजन सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने 48 घंटे के भीतर इस हत्याकांड का खुलासा कर दोषियों को पकड़ लिया।




