RANCHI
झारखंड में पूंजी की कमी से जूझ रहे लैंप्स-पैक्स को अब सरकार से राहत मिलने वाली है। सहकारिता विभाग लैंप्स-पैक्स को ब्याज-मुक्त लोन देने की योजना बना रहा है, जिससे ये संस्थाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें। विभाग खुद लोन के ब्याज का भार उठाएगा।
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने नेपाल हाउस में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान इस प्रस्ताव पर अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया। बैठक में सहकारिता विभाग के साथ भूमि संरक्षण विभाग की भी समीक्षा की गई।
अब तक राज्य के करीब 1500 लैंप्स-पैक्स को कंप्यूटरीकृत किया जा चुका है, जबकि 1200 और लैंप्स-पैक्स पर काम जारी है। बिरसा फसल बीमा योजना के तहत इस वर्ष 13 लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है। वहीं रबी फसल बीमा के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है।
बैठक में राज्य के पांचों फेडरेशन के कार्यों की समीक्षा भी की गई। झारखंड में करंज की मांग बढ़ रही है, और टरबेरा कंपनी ने किसानों से 33 मीट्रिक टन करंज की खरीद की है। मंत्री ने बताया कि विभाग मिलेट और मधु उत्पादन को भी बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहा है।
मत्स्य पालन के क्षेत्र में, झास्को फिश के जरिए कोडरमा, बोकारो और जमशेदपुर में मछली उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है, ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके।
भूमि संरक्षण विभाग की समीक्षा के दौरान बिरसा पक्का चेक डैम योजना पर विस्तार से चर्चा हुई। यह योजना चालू वित्तीय वर्ष के बजट में शामिल की गई है और इसे जनवरी माह से शुरू किए जाने की संभावना जताई गई है। इसके अलावा, तालाबों के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया भी तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में विशेष सचिव गोपाल जी, निबंधक सहकारिता समितियां शशि रंजन, भूमि संरक्षण निदेशक अशोक सम्राट, और JMTTC के कार्यपालक निदेशक आर.पी. सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।




