लॉज में बैठकर तैयार हो रहा था पूरा खेल: 272 एडमिट कार्ड, 70 मोबाइल और ब्लूटूथ डिवाइस बरामद
DHANBAD
धनबाद पुलिस ने पश्चिम बंगाल में रविवार को होने वाली आरक्षी भर्ती परीक्षा से पहले एक बड़े फर्जीवाड़ा नेटवर्क का खुलासा किया है। एंटी क्राइम चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध स्कॉर्पियो को रोके जाने से पुलिस को उस रैकेट का पता चला, जो कथित तौर पर परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाने और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से मदद पहुंचाने की साजिश में शामिल था। पुलिस ने इस पूरे मामले में कुल 22 लोगों को पकड़ा है, जिनमें 14 अभ्यर्थी भी हैं।
स्कॉर्पियो की तलाशी ने खोला पूरा राज
शनिवार को तिसरा थाना क्षेत्र में पुलिस रूटीन एंटी क्राइम चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक संदिग्ध स्कॉर्पियो को रोककर पूछताछ की गई। वाहन में मौजूद लोगों के मोबाइल और कागजात की जांच के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि रविवार की परीक्षा से पहले एक गिरोह झरिया के बंधन लॉज में अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र या उससे मिलते-जुलते कंटेंट पढ़ा रहा है। यह भी संदेह जताया गया कि गिरोह परीक्षा के दौरान इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के जरिये नकल कराने की योजना में था।
झरिया के बंधन लॉज में छापेमारी
स्कॉर्पियो से पकड़े गए लोगों से मिली सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने तुरंत झरिया थाना क्षेत्र के बंधन लॉज पर छापेमारी की। यहाँ से 22 लोग हिरासत में लिए गए। इनमें 14 अभ्यर्थी बताए जा रहे हैं, जो पश्चिम बंगाल की आरक्षी परीक्षा देने वाले थे। पुलिस का अनुमान है कि ये अभ्यर्थी गिरोह के माध्यम से अनुचित लाभ लेने की कोशिश में थे।
गिरोह के पास से भारी बरामदगी
छापेमारी में पुलिस के हाथ भारी मात्रा में संदिग्ध सामग्री लगी है। बरामद सामान में शामिल हैं-
- 272 एडमिट कार्ड
- 70 मोबाइल फोन
- 40 ब्लूटूथ डिवाइस
- कई कलाई घड़ियाँ, मोबाइल चार्जर, पहचान पत्र
- एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक और चेकबुक
- नोटबुक, एक कार्टन पेन, स्टेशनरी आइटम
- 10 पीस सोने जैसे पदार्थ की चेन
पुलिस का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में एडमिट कार्ड और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मिलने से साफ है कि गिरोह बड़े पैमाने पर ऑपरेट कर रहा था। यह भी शक है कि इसके तार कई राज्यों से जुड़े हो सकते हैं, और अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूलकर नकल कराने की व्यवस्था की जा रही थी।
पूरे नेटवर्क का पता लगाने में जुटी पुलिस
पुलिस फिलहाल सभी हिरासत में लिए गए लोगों से गहन पूछताछ कर रही है। गिरोह के सरगना, उनके संपर्क और नेटवर्क के विस्तार का पता लगाने के लिए अलग-अलग टीमों को लगाया गया है। आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है और पुलिस उम्मीद कर रही है कि पूछताछ के बाद इस रैकेट के कई और पहलू उजागर होंगे।

