New Delhi
लाल किला ब्लास्ट केस में जांच तेज़ हो गई है। गुरुवार को फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस से एक ब्रेज़ा कार बरामद की गई है, जो कथित तौर पर आरोपी डॉ. उमर नबी भट की बताई जा रही है। मौके पर बम स्क्वॉड की टीम पहुंची और पूरे परिसर की तलाशी ली गई।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, उमर नबी भट अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था और 10 नवंबर को लाल किला के पास विस्फोट हुई आई20 कार का चालक भी वही था। डीएनए जांच से उसकी पहचान की पुष्टि हो गई है। इस धमाके में 13 लोगों की मौत हुई थी।
पुलिस ने बताया कि उमर नबी के पास एक और वाहन — रेड कलर की फोर्ड इकोस्पोर्ट — भी दर्ज है। जांच एजेंसियां अब इस वाहन की लोकेशन और उसकी संभावित भूमिका की भी पड़ताल कर रही हैं।
इस बीच, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी को शो-कॉज़ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर झूठे मान्यता प्रमाण पत्र प्रदर्शित किए थे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले को लेकर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत की जांच एजेंसियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि “यह एक स्पष्ट आतंकी हमला था। भारत की प्रतिक्रिया संयमित, पेशेवर और सटीक रही है।”
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है और सवाल उठाया है कि “क्या सरकार की ‘न्यू नॉर्मल डॉक्ट्रिन’ — यानी आतंकी हमलों को युद्ध की तरह लेना — अब भी लागू है?” पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी पूछा कि कड़ी खुफिया निगरानी के बावजूद 2,900 किलो विस्फोटक फरीदाबाद तक कैसे पहुंच गया।
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने इस धमाके की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि “आतंकवाद इंसानियत के खिलाफ घिनौना अपराध है, और मुस्लिम समाज इसके खिलाफ पूरे देश के साथ खड़ा है।” उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और निष्पक्ष जांच की अपील की।
जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि उमर नबी के नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल था और ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक की सप्लाई कहां से हुई।




