18 दिसंबर से वीर बिरसा मुंडा की विरासत को समर्पित साइक्लोथॉन, ‘शौर्य के कदम, क्रांति की ओर’ का भव्य आगाज़



RANCHI

एनसीसी निदेशालय बिहार एवं झारखंड ने एनसीसी ग्रुप मुख्यालय, रांची के तत्वावधान में वीर बिरसा मुंडा साइक्लोथॉन के आयोजन की औपचारिक घोषणा करते हुए इसका कर्टन रेज़र जारी किया। यह साइक्लोथॉन जनजातीय नायक धरती आबा वीर बिरसा मुंडा की विरासत को सम्मान देने और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। आयोजन की थीम शौर्य के कदम, क्रांति की ओर” रखी गई है।

यह प्रेरणादायी साइक्लोथॉन दो चरणों में आयोजित किया जाएगा, जो केवल एक यात्रा नहीं बल्कि एक सामाजिक और राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है।

पहला चरण: झारखंड की धरती पर शौर्य यात्रा

साइक्लोथॉन का पहला चरण 18 से 20 दिसंबर 2025 तक झारखंड के पवित्र भूभाग में तीन अलग-अलग मार्गों पर आयोजित होगा। यह यात्रा उन प्रमुख स्थलों से होकर गुजरेगी, जो वीर बिरसा मुंडा के संघर्ष और योगदान की स्मृतियों से जुड़े हैं।
इस चरण में एनसीसी अधिकारी, स्थायी स्टाफ और एनसीसी कैडेट्स, जिनमें बालिका कैडेट्स भी शामिल होंगी, सक्रिय रूप से भाग लेंगे। यह चरण मोराबादी मैदान, रांची में भव्य स्वागत समारोह के साथ संपन्न होगा।

दूसरा चरण: रांची से नई दिल्ली तक 1300 किलोमीटर की राष्ट्र यात्रा

साइक्लोथॉन का दूसरा और सबसे चुनौतीपूर्ण चरण 28 दिसंबर 2025 को बिरसा मुंडा जेल परिसर, रांची से रवाना होगा। यह यात्रा लगभग 1300 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से होकर गुजरेगी तथा करीब 20 दिनों में पूरी होगी।
इस चरण में दो एनसीसी अधिकारी, दो स्थायी स्टाफ और 16 एनसीसी कैडेट्स (जिसमें बालिका कैडेट्स भी शामिल हैं) हिस्सा लेंगे, जो झारखंड के युवा साहस और वीर बिरसा मुंडा की अदम्य आत्मा के प्रतीक होंगे।

यह यात्रा 28 जनवरी 2026 को नई दिल्ली में आयोजित प्रधानमंत्री की रैली में भव्य समापन के साथ समाप्त होगी, जो धरती आबा वीर बिरसा मुंडा को सर्वोच्च राष्ट्रीय मंच से दी जाने वाली एक ऐतिहासिक श्रद्धांजलि होगी।

साइकिल यात्रा नहीं, एक विचार

वीर बिरसा मुंडा साइक्लोथॉन केवल साइकिलों की यात्रा नहीं है, बल्कि यह शारीरिक सहनशक्ति, सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाला एक व्यापक आंदोलन है। यह आयोजन देश के गौरवशाली अतीत और आकांक्षी भविष्य को जोड़ता है, जिसे एनसीसी कैडेट्स की ऊर्जा और अनुशासन शक्ति प्रदान करती है।

साइक्लोथॉन के दौरान हर पैडल स्ट्रोक साहस, बलिदान और सेवा का संदेश देगा और देशभर में एक आत्मविश्वासी, सशक्त और नव-निर्माणशील झारखंड की कहानी सुनाएगा।

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