4 लेबर कोड्स के खिलाफ रांची में विशाल प्रदर्शन करेगा CITU

RANCHI

भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र (CITU) के आह्वान पर केंद्र सरकार द्वारा 21 नवंबर 2025 को अधिसूचित चार लेबर कोड्स और अन्य श्रम संबंधी मुद्दों के विरोध में आज श्रम भवन, रांची के सामने विशाल धरना–प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह प्रदर्शन देशव्यापी श्रमिक आंदोलन का हिस्सा था।

धरने को संबोधित करते हुए सीटू नेताओं ने कहा कि वर्ष 2019–20 में संसद से पारित चारों लेबर कोड अलोकतांत्रिक तरीके से लागू किए गए हैं। इनका उद्देश्य श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, स्थायी रोजगार, निरीक्षण व्यवस्था और ट्रेड यूनियन अधिकारों से वंचित करना है। Ease of Doing Business के नाम पर श्रम को पूंजी के हाथों में एक ऐसे श्रम बाजार में बदला जा रहा है, जहां सामाजिक और मानवीय जिम्मेदारी का कोई स्थान नहीं है।

प्रदर्शन में बीएसएसआर यूनियन के बड़ी संख्या में सदस्य शामिल हुए। साथ ही हटिया मजदूर यूनियन, एनसीओईए, इंदल कगार यूनियन, आईआईसीएमयू, निर्माण कामगार यूनियन समेत कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार श्रम समवर्ती विषय है, इसलिए झारखंड सरकार को श्रमिक हितों की रक्षा करते हुए लेबर कोड्स के नियमों को लागू करने पर रोक लगानी चाहिए।

सीटू राज्य कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भवन सिंह, महासचिव विश्वजीत देब, वरिष्ठ नेता अनिरवन बोस और बीएसएसआरयू के केडी प्रताप, मृदुल दास, अरिंदम विश्वास सहित अन्य नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने श्रम आयुक्त के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार के श्रम मंत्रियों को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में चारों लेबर कोड्स को पूरी तरह रद्द करने, उनके नियमों के क्रियान्वयन पर रोक लगाने और सेल्स प्रमोशन कर्मचारी अधिनियम के प्रावधानों की रक्षा करने की मांग की गई।

इसके अलावा राज्य सरकार के समक्ष श्रमिकों से जुड़ी कई अहम मांगें भी रखी गईं। इनमें स्थायी कार्यों में ठेकाकरण पर रोक, ठेका और अस्थायी कर्मियों का नियमितीकरण, समान काम के लिए समान वेतन, न्यूनतम मजदूरी का सख्त अनुपालन, सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, गिग वर्कर्स को न्यूनतम मजदूरी दायरे में लाना, निर्माण एवं बीड़ी श्रमिक कल्याण बोर्ड के कोष का पारदर्शी उपयोग, प्रवासी और असंगठित श्रमिकों को राशन कार्ड और अन्य सुविधाएं देना तथा ट्रेड यूनियनों के पंजीकरण से जुड़े मामलों का शीघ्र समाधान शामिल है।

सीटू ने स्पष्ट किया कि यदि इन मांगों पर सरकार ने गंभीरता से विचार नहीं किया, तो फरवरी 2026 में अन्य ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर आम हड़ताल की जाएगी।

प्रदर्शन को कॉमरेड प्रकाश विप्लव, वीरेंद्र कुमार, कीर्ति मुंडा, हरेंद्र यादव, पीआर गुप्ता, सुमित गुप्ता सहित कई राज्य स्तरीय नेताओं ने संबोधित किया।

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