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नितिन नबीन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने संगठनात्मक स्तर पर बड़ा फेरबदल किया है। दरभंगा शहरी से विधायक संजय सरावगी को बिहार भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे संजय जायसवाल की जगह यह जिम्मेदारी संभालेंगे।
पार्टी के भीतर वैश्य समाज के प्रभावशाली चेहरे के रूप में पहचाने जाने वाले संजय सरावगी फरवरी 2005 से लगातार दरभंगा शहरी विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनके नेतृत्व और प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए संगठन और सामाजिक संतुलन दोनों दृष्टियों से यह नियुक्ति अहम मानी जा रही है। बीजेपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का मानना है कि इस बदलाव से बिहार भाजपा के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह आएगा।
संजय सरावगी का सियासी सफर
संजय सरावगी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की थी और वहां विभिन्न पदों पर कार्य किया। 1999 में वे भाजयुमो के जिला मंत्री बने, 2001 में दरभंगा नगर मंडल भाजपा के अध्यक्ष और 2003 में दरभंगा जिला भाजपा के महामंत्री जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
वह 2005 से 2025 तक लगातार छह बार दरभंगा सदर विधानसभा से विधायक चुने गए हैं। इसके अलावा, फरवरी 2025 से वे बिहार सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री भी रह चुके हैं।
संजय सरावगी बिहार प्रदेश भाजपा गौवंश प्रकोष्ठ के संयोजक, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और कई जिलों में संगठन चुनाव प्रभारी एवं सदस्यता प्रभारी के रूप में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।
कौन हैं संजय सरावगी
सरावगी नीतीश कुमार की कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं। संजय सरावगी दरभंगा और मिथिला क्षेत्र में भाजपा के पुराने, चर्चित और प्रभावशाली चेहरों में गिने जाते हैं। वह दरभंगा सदर विधानसभा सीट से लगातार छह बार जीत दर्ज कर चुके हैं, जिससे इलाके में उनकी मजबूत राजनीतिक पकड़ मानी जाती है।
संजय सरावगी वैश्य समुदाय से आते हैं और व्यापारी वर्ग के बीच उनकी अच्छी पकड़ है। उन्होंने वर्ष 2005 में पहली बार दरभंगा सदर से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था और तब से लगातार इसी सीट का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। वह दरभंगा के गांधी चौक इलाके के निवासी हैं। उनका जन्म 28 अगस्त 1969 को हुआ था। उनके पिता का नाम परमेश्वर सरावगी है।
शैक्षणिक रूप से संजय सरावगी एमकॉम और एमबीए हैं। छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे संजय सरावगी की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से हुई। उन्होंने वर्ष 1995 में भाजपा की औपचारिक सदस्यता ली। इसके बाद 1 मार्च 2005, नवंबर 2005, 2010, 2015 और 2020 में भाजपा के टिकट पर दरभंगा सदर से विधायक चुने गए।
राजनीतिक सफर के दौरान वह दरभंगा नगर निगम में वार्ड पार्षद भी रह चुके हैं। उनकी छवि एक साफ-सुथरे और जमीन से जुड़े नेता की रही है। दरभंगा शहर की जनता के बीच वह लंबे समय से एक जाना-पहचाना नाम हैं। वर्ष 2018 में उन्हें विधानसभा की प्राकलन समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया था।

