RANCHI
झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो गया। विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने समापन भाषण देते हुए कहा कि 5 से 11 दिसंबर तक चला यह सत्र राज्य के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। इस दौरान कई अहम विधेयक, बजट प्रस्ताव और जनता से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
अध्यक्ष ने बताया कि इस सत्र में कुल 301 प्रश्न स्वीकार किए गए, जिनमें से ज़्यादातर के जवाब सरकार की ओर से मिल गए। सत्र में 129 शून्यकाल और 42 ध्यानाकर्षण सूचनाएँ भी आईं, जिनमें कई पर तुरंत कार्रवाई की गई। उनके अनुसार यह दर्शाता है कि सदन जनता की समस्याओं को लेकर सक्रिय और उत्तरदायी है।
उन्होंने कहा कि इस सत्र की बड़ी उपलब्धि द्वितीय अनुपूरक बजट का पारित होना है। खासकर महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए किए गए आवंटन को उन्होंने महत्वपूर्ण और स्वागतयोग्य बताया। उनके अनुसार यह कदम महिला सशक्तिकरण, पोषण और बच्चों के अधिकारों को मजबूत करेगा।
अध्यक्ष महतो ने सदन में हुई तीखी राजनीतिक बहसों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मतभेद लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन बहस के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली भाषा मर्यादित और सम्मानजनक होनी चाहिए। उन्होंने सभी सदस्यों से आने वाले सत्रों में सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की।
अध्यक्ष ने सदन चलाने में सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विपक्ष, अधिकारी-कर्मचारियों और मीडिया का धन्यवाद किया।
उन्होंने राज्यवासियों को क्रिसमस, नव वर्ष 2026, सोहराय, बंधना-खुंटांव और मकर संक्रांति की शुभकामनाएं भी दीं और कहा कि ये पर्व झारखंड की एकता और सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक हैं। अंत में उन्होंने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।

