अबूधाबी की Indigenous Cinema: South Asian Perspectives में झारखंड के फिल्मकार निरंजन कुजूर और सेराल मुर्मू की धमक

9th December 2025

आदिवासी सिनेमा की वैश्विक पहचान की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम

CINEMA DESK

NYU Abu Dhabi (NYUAD) में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम “Indigenous Cinema: South Asian Perspectives” में दक्षिण एशिया के आदिवासी फ़िल्मकारों, शोधकर्ताओं और कलाकारों की भागीदारी के साथ आदिवासी सिनेमा, स्मृति, भूमि, भाषा और प्रतिनिधित्व पर गहन संवाद होगा। यह आयोजन Rights & Representation Research Forum द्वारा Film & New Media Programme, NYUAD तथा Indigenous Film and Media Alliance, South Asia के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में झारखंड के कुड़ुख आदिवासी फ़िल्मकार निरंजन कुमार कुजूर एक केंद्रीय वक्ता और प्रतिनिधि फ़िल्मकार के रूप में हिस्सा ले रहे हैं। निरंजन 8 दिसम्बर को अबू धाबी रवाना होंगे। उनकी दो चर्चित कुड़ुख फ़िल्में — ‘पहाड़ा’ और ‘एड़पा काना’ — इस मंच पर प्रदर्शित की जाएँगी, जिनमें समुदाय की सामूहिक स्मृतियों, भाषा-संस्कृति और जमीन से जुड़े प्रश्नों को प्रामाणिकता और संवेदनशील दृष्टि से प्रस्तुत किया गया है।

निरंजन कुमार कुजूर 10 दिसम्बर को आदिवासी सिनेमा पर एक विशेष सत्र में अपनी फ़िल्मों के माध्यम से हमारी कहानियाँ, हमारी भाषा-संस्कृति और सिनेमा में सही प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दों पर विचार रखेंगे।

इसके अलावा, 9 दिसम्बर को आयोजित विशेष संवाद “History, Identity and the Politics of Representation” में निरंजन कुमार कुजूर और झारखंड के ही आदिवासी फ़िल्मकार सेराल मुर्मू अन्य आदिवासी फ़िल्मकारों के साथ चर्चा में भाग लेंगे। यह सत्र आदिवासी समुदायों की आवाज़, दृश्य राजनीति और प्रतिनिधित्व की जटिलताओं पर केंद्रित होगा। कार्यक्रम में सेरल मुर्मू की फ़िल्म स्क्रीनिंग और परिचर्चा भी शामिल है।

यह आयोजन आदिवासी सिनेमा को वैश्विक विमर्श के केंद्र में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक अवसर है, जहाँ आदीवासी कथाओं की गरिमा और स्वायत्तता को सम्मानपूर्वक सामने लाया जा रहा है।

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