ठंड में मुस्कानें बांट रही माही संस्था, बच्चों को उपहार स्वरूप मिले स्वेटर

2nd December 2025

कांके के भिट्ठा, कोंगे व जयपूर स्थित मक़तबे मस्जिदे हेरा भिट्ठा, मक़तबे इस्लामिया कोंगे व मदरसा गुलशने रज़ा जयपूर का माहौल आज कुछ अलग थाठंड तो वही थी, लेकिन बच्चों के चेहरों पर गर्माहट, खुशी और चमक थी। वजह थी – मौलाना आज़ाद ह्यूमेन इनिशिएटिव (माही) द्वारा चलाया जा रहा अभियान The Cold is Bold, An initiative by MAHI”, जिसके तहत भिट्ठा के 40, कोंगे के 23 व जयपूर के 40 बच्चों को स्वेटर उपहार में दिए गए।

यह अभियान हर साल भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की याद में 11 से 18 नवंबर तक आयोजित किया जाता है, लेकिन इस बार बढ़ती ठंड और ज़रूरतमंद बच्चों की स्थिति को देखते हुए इसे पूरे नवंबर महीने तक बढ़ा दिया गया और दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक पुनः विस्तार दिया गया।

माही यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है कि “किसी बच्चे की पढ़ाई स्वेटर, जूते या यूनिफॉर्म की कमी की वजह से न रुके।” कार्यक्रम के दौरान मदरसा के बच्चे, शिक्षक और क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे और सबकी निगाहें उन छोटे-छोटे हाथों पर थीं जो स्वेटर लेकर बारबार अपने दोस्तों को दिखा रहे थे जैसे कोई ख़जाना मिला हो।

इस मौके पर प्रमुख रूप से भिट्ठा के सदर अब्दुल आजाद, सेक्रेटरी सरफराज अख्तर, समाजसेवी मासूम, शाहिद आलम, वसीम, हाफिज मुश्ताक अहमद, मुअज़्ज़िन सऊद, कोंगे पंचायत के सदर हाफिज ज़ियाउल हक़, सेक्रेटरी जमील अंसारी, हाफिज़ मुजीबुल्लाह, रेजाउल अंसारी, जयपूर के जसमुद्दीन हसनैन, सेक्रेटरी अबुज़र ख़ान, खजांची अमान खान, इमरोज़ खान, माही के संयोजक इबरार अहमद, उपाध्यक्ष ख़ालिद सैफुल्लाह, हाजी नवाब, अंजुमन के कार्यकारिणी शाहिद अख्तर टुकलू, नदीम अख्तरआदि शामिल थे।

इस मौके पर माही के संयोजक इबरार अहमद ने कहा, “आज इन मासूम बच्चों की मुस्कान देखकर यह एहसास और भी मजबूत हो जाता है कि समाज की असली ताक़त उसी वक़्त दिखती है जब हम किसी के दुःख-सुख में बिना किसी पहचान, जाति या मज़हब के साथ रहते हैं।

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने कहा था —“किसी भी राष्ट्र की तरक्की उसकी आने वाली पीढ़ियों की शिक्षा पर निर्भर करती है।

यही सोच लेकर माही ने यह संकल्प लिया है कि कपड़ा हो या किताब किसी भी कमी की वजह से कोई बच्चा अपनी शिक्षा से दूर न हो।

इस अभियान The Cold is Bold, An initiative by MAHI के ज़रिये कोशिश की जा रही है कि ठंड की वजह कर कोई बच्चा काँपे नहीं, बल्कि गर्व और आत्मविश्वास के साथ अपनी किताबें लेकर स्कूल और मदरसा जाए।

मैं उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करता हूँ जिन्होंने इस नेक काम में अपना हिस्सा डालाचाहे वह मदद दुआ की शक़्ल में हो, वक़्त हो या माली मदद। इन बच्चों की आँखों में जो चमक है, वही हम सबकी हक़ीक़ी कामयाबी है। अल्लाह हमारी नीयतों को साफ रखे, हमारे कदम मज़बूत रखे और हमें उसी जगह खड़ा करे जहाँ इंसानियत की ज़रूरत हो।

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