RAMGARH
लुकैयाटांड़ (नेमरा, गोला) में बुधवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने शहीद सोबरन सोरेन के 68वें शहादत दिवस पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। शहीद स्थल पर आयोजित सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष इस दिन यहां एकत्रित होना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि अपने पूर्वजों के संघर्ष, त्याग और सपनों को याद करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि झारखंड के हर हिस्से में ऐसे वीर सपूत हुए हैं जिन्होंने जल, जंगल, जमीन और यहां की अस्मिता की रक्षा के लिए आवाज उठाई और अपने हक-अधिकार के लिए लड़ते हुए शहादत दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई वीर आदिवासी-मूलवासी नेताओं को सामंती सोच रखने वाले लोगों ने खत्म करने की कोशिश की, लेकिन उनकी आवाज कभी दबाई नहीं जा सकी। “यह प्रदेश खून से सींचा गया है। यहां की मिट्टी में शहादतों की दास्तानें दर्ज हैं,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी याद किया कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के न रहने के बाद एक युग का अंत हो गया है, लेकिन उनके विचार और संघर्ष झारखंड को लगातार प्रेरणा देते रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की पीढ़ी की जिम्मेदारी और बड़ी है। “हमें एकजुट होकर राज्य के विकास और अपने हक-अधिकार की रक्षा के लिए आगे बढ़ना होगा। झारखंड अब 25 वर्ष का हो चुका है, और हमारी सरकार हर क्षेत्र में तेज गति से काम कर रही है,” उन्होंने कहा।
महिलाओं और गांव की अर्थव्यवस्था पर खास फोकस
मुख्यमंत्री ने बताया कि गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। गांव, गरीब और किसानों को खुशहाल बनाने के लिए कई योजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारा जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य की सवा तीन करोड़ जनता की जिम्मेदारी सरकार पर है और इस दिशा में योजनाओं को लगातार सरल और उपयोगी बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाएं अब सरकार की योजनाओं से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और स्वावलंबन की राह पर बढ़ रही हैं। “हमारी आधी आबादी आज आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुकी है। आने वाले समय में हम झारखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए नई कार्ययोजनाएं लागू करेंगे,” उन्होंने कहा।
नौकरी और स्वरोजगार—दोनों मोर्चों पर आगे बढ़ रही सरकार
मुख्यमंत्री ने बताया कि 28 नवंबर 2025 को मौजूदा सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इस अवसर पर 10 हजार से अधिक युवक-युवतियों को सरकारी नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केवल सरकारी नौकरी ही समाधान नहीं है, बल्कि स्वरोजगार के अवसर भी लगातार बढ़ाए जा रहे हैं।
“हमारी सरकार रांची के दफ्तरों से नहीं, बल्कि गांव से चलती है,” मुख्यमंत्री ने कहा। उन्होंने बताया कि ‘सेवा का अधिकार’ कार्यक्रम के तहत सरकारी योजनाएं अब सीधे लोगों के घर-आंगन तक पहुंच रही हैं। समस्याओं का समाधान भी गांव में ही किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अब सरकारी दफ्तरों तक जाने की जरूरत नहीं है। अधिकारी और व्यवस्था स्वयं गांव तक पहुंच रही है। बिचौलियों व दलालों को प्रणाली से पूरी तरह हटाने की कार्रवाई तेज है और सरकारी कामकाज पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
कार्यक्रम में रामगढ़ विधायक ममता देवी, जिला प्रशासन के अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे, जिन्होंने शहीद सोबरन सोरेन के प्रति श्रद्धा व्यक्त की और मुख्यमंत्री की घोषणाओं का समर्थन किया।

