RANCHI
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में इस बार मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। जयराम महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) ने अपने उम्मीदवार के तौर पर रामदास मुर्मू को मैदान में उतार दिया है। इसके साथ ही अब इस सीट पर त्रिकोणीय जंग तय मानी जा रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, JLKM के प्रत्याशी रामदास मुर्मू 21 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे। इस मौके पर पार्टी प्रमुख जयराम महतो समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की मौजूदगी रहने वाली है।
रामदास मुर्मू ने 2024 के विधानसभा चुनाव में भी JLKM से उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमाई थी और करीब 8,093 वोट हासिल किए थे। इस बार पार्टी ने फिर उन पर भरोसा जताया है। JLKM का फोकस स्थानीय नीति, नियोजन नीति, रोजगार, पलायन और परिवारवाद जैसे मुद्दों पर रहेगा।
झामुमो और बीजेपी आमने-सामने
JLKM के मैदान में उतरते ही राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और बीजेपी, दोनों ने एक-दूसरे पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
बीजेपी का आरोप
बीजेपी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा, “JLKM चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि खेल बिगाड़ने के लिए मैदान में उतरी है। पिछली बार की तरह इस बार भी सत्तापक्ष को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।”
उन्होंने दावा किया कि घाटशिला की जनता सब समझ चुकी है—इसलिए वोट काटने की साज़िश इस बार काम नहीं आएगी। पाठक ने आत्मविश्वास जताया कि “मुकाबला सिर्फ JMM और एनडीए के बीच है, और इस बार जीत एनडीए की ही होगी।”
“ना जयराम से फायदा होगा, ना जय श्रीराम से”
JMM ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि जनता अब जुमलेबाजी में नहीं फंसने वाली। पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा, “बीजेपी को न तो जयराम महतो से फायदा होगा और न ही जय श्रीराम से। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जो कहते हैं, वो करते हैं — इसका ताज़ा उदाहरण ‘मंईयां सम्मान योजना’ है, जिसके तहत धनतेरस पर ही महिलाओं के खातों में राशि पहुंच गई।”
उन्होंने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि “दिल्ली में 500 रुपये का गैस सिलेंडर देने का वादा हो या महिलाओं को सहायता राशि देने का, बीजेपी हर बार जनता को सिर्फ सपने दिखाती है।”
11 नवंबर को होने वाला घाटशिला उपचुनाव, झारखंड की सियासी फिज़ा में नया तापमान ला चुका है। तीनों दलों — JMM, BJP और JLKM — की रणनीति अब एक-दूसरे की चाल पर नजर रखे हुए है, और वोटरों के मूड ने इस जंग को और दिलचस्प बना दिया है।




