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अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर भीषण झड़पें छिड़ गई हैं। अफगान रक्षा मंत्रालय के अनुसार, तालिबान की अगुवाई वाली अफगान सेनाओं ने ड्यूरंड लाइन के पार कई पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया है। इन झड़पों में अब तक 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं, जबकि कई घायल हुए हैं।
अफगान मंत्रालय की ओर से बताया गया कि यह संघर्ष कुनर और हेलमंद प्रांतों के सीमावर्ती इलाकों में हुआ। अफगान रक्षा प्रवक्ता इनायतुल्लाह खोराजमी ने कहा कि यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा अफगान हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के जवाब में की गई। उन्होंने चेतावनी दी — “अगर पाकिस्तान ने दोबारा हमारी हवाई सीमा का उल्लंघन किया, तो अफगान बल और कड़ा जवाब देंगे।”
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, शाकीज, बीबी जानी और सालेहान इलाकों में भारी गोलीबारी हुई। वहीं, पक्तिया प्रांत के आरयूब ज़ाजी जिले में भी संघर्ष जारी रहा। अफगान रक्षा मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान की कई सैन्य चौकियां और उपकरण नष्ट कर दिए गए हैं। हेलमंद और कुनर में एक-एक चौकी को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया, और पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार व वाहन तालिबान के कब्जे में चले गए।
पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने पलटवार की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी सेना “पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई कर रही है” और अफगान पक्ष की गोलीबारी “बिना उकसावे” की गई।
रिपोर्टों के मुताबिक, यह संघर्ष केवल कुनर और हेलमंद तक सीमित नहीं रहा, कई अन्य इलाकों में भी गोलीबारी की घटनाएं हुईं।
इस बीच, कतर ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है और विवादों का समाधान बातचीत से करने को कहा है। माना जा रहा है कि हाल ही में काबुल के पास पाकिस्तानी हवाई हमले की खबरों के बाद ही यह तनाव बढ़ा। अफगान सेना के 201 खालिद बिन वलीद कॉर्प्स ने उस हमले को “प्रतिशोधी कार्रवाई की वजह” बताया। पाकिस्तान की ओर से उस कथित एयरस्ट्राइक पर अब तक कोई पुष्टि या खंडन नहीं किया गया है। विश्लेषकों का कहना है कि 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद यह अब तक का सबसे गंभीर सीमा संघर्ष (border escalation) है, जिसने अफगान-पाक रिश्तों की नाजुक स्थिति को एक बार फिर उजागर कर दिया है।




