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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने बड़ा ऐलान किया है। पार्टी ने करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यह संख्या पिछली बार की तुलना में पांच गुना ज़्यादा है। AIMIM का दावा है कि वह इस बार बिहार में “तीसरा विकल्प” बनकर उभरेगी।
AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि पार्टी ने पहले राजद से गठबंधन की इच्छा जताई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। “अब हम अन्य दलों से बातचीत कर रहे हैं। हमें बिहार की राजनीति में अपनी मौजूदगी मज़बूती से दर्ज करानी है,” उन्होंने कहा।
अख्तरुल ईमान ने कहा कि राजद और कांग्रेस अब हमें ‘वोटकटवा’ कहकर नहीं बच सकते, क्योंकि हमने पहले ही उनके साथ हाथ मिलाने की पेशकश की थी। “जब कोई जवाब नहीं मिला, तो हमने तय किया कि अब अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे,” उन्होंने जोड़ा।
AIMIM 2020 में भी बिहार में चर्चा में रही थी, जब उसने बसपा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में AIMIM ने पांच सीटें जीती थीं, हालांकि बाद में उसके चार विधायक राजद में शामिल हो गए।
इस बार ओवैसी की पार्टी ने अपने फोकस में सीमांचल के जिलों—किशनगंज, कटिहार, अररिया और पूर्णिया—को रखा है, जहां मुसलमान मतदाता बड़ी संख्या में हैं। ओवैसी ने हाल ही में इन इलाकों का चार दिन का दौरा किया था।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि AIMIM का यह फैसला राजद-कांग्रेस गठबंधन के लिए चिंता का कारण बन सकता है, क्योंकि पार्टी अल्पसंख्यक वोटों में सेंध लगा सकती है।
बिहार में विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि गिनती 14 नवंबर को होगी।




