नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई की ओर जूता फेंकने की कोशिश की। आरोपी की पहचान वकील राकेश किशोर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह अचानक कोर्ट रूम में खड़ा हुआ और नारेबाजी करने लगा— “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।” इसके बाद उसने जज के डाइस की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उसे तुरंत काबू में कर लिया।
गिरफ्तारी के वक्त भी राकेश किशोर नारेबाजी करता रहा। मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू कर दी है। नई दिल्ली जिला के डीसीपी और सुप्रीम कोर्ट परिसर के डीसीपी भी घटनास्थल पर पहुंचे।
यह वाकया तब हुआ, जब CJI गवई की बेंच वकीलों के मामलों की मेंशनिंग सुन रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आरोपी वकील जजों के करीब पहुंच गया था और तभी उसने जूता उतारकर फेंकने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों की तत्परता से कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनी।
घटना के बाद भी अदालत की कार्यवाही नहीं रुकी। CJI गवई शांत रहे और उन्होंने कहा कि “ऐसी घटनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता” तथा कार्यवाही जारी रखने का निर्देश दिया।
सूत्रों के अनुसार, इस कदम के पीछे राकेश किशोर की नाराज़गी 16 सितंबर के फैसले को लेकर हो सकती है। उस दिन सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची मूर्ति को दोबारा स्थापित करने की याचिका को खारिज करते हुए इसे “पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन” बताया था। माना जा रहा है कि इसी टिप्पणी के विरोध में वकील ने यह हरकत की।




