रांची
कुड़मी एवं महतो समुदाय को आदिवासी दर्जा देने की मांग के खिलाफ सिरमटोली सरना स्थल में विभिन्न आदिवासी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने की।
बैठक में आगामी 14 सितंबर को आयोजित होने वाली आक्रोश बाइक रैली को सफल बनाने को लेकर रणनीति बनाई गई। इस अवसर पर ग्लैडसन डुंगडुंग, अलविन लकड़ा, प्रवीण कच्छप, प्रताप कुशवाहा, संगीता तिर्की सहित कई आदिवासी नेताओं ने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि कुड़मी समुदाय जानबूझकर आदिवासी दर्जा हासिल करने की कोशिश कर रहा है, जबकि उनकी सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पृष्ठभूमि आदिवासियों से बिल्कुल भिन्न है। उन्होंने कहा कि आदिवासी पहचान जन्मजात होती है और इसे कोई भी समुदाय उधार में नहीं ले सकता।
वहीं प्रताप कुशवाहा ने कहा कि कुरमी नया शब्द है, यह चुनाव के समय आंदोलन करता है और झारखंड की राजनीति को भ्रमित करता है। वहीं, ग्लैडसन डुंगडुंग ने आरोप लगाया कि कुड़मी समुदाय लगातार आदिवासियों के अधिकारों को खत्म करने का प्रयास कर रहा है।
अजय तिर्की ने चेतावनी दी कि यदि कुड़मी समुदाय ट्रेन रोककर आंदोलन करता है तो आदिवासी समाज जहाज़ रोककर कुड़मी समुदायों का विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज अपने अधिकारों और पहचान की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी। इस मौके पर प्रकाश हंस, रंजीत टोप्पो, राजेश लिंडा, प्रताप कुशवाहा, सुरज टोप्पो, बबलू उंराव, दिनेश बेदिया, अजय टोप्पो, अबर बेक, सुरज तिर्की, कैलास मुंडा, विवेक तिर्की, आशीष तिर्की, आदि लोग उपस्थित थे।




