नई दिल्ली
उपराष्ट्रपति चुनाव में अब सिर्फ एक दिन बाकी है और इस बीच दो तटस्थ दलों—के. चंद्रशेखर राव की भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) और नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (BJD)—ने मतदान में भाग न लेने का फैसला किया है। दोनों ही दल न तो एनडीए का हिस्सा हैं और न ही इंडिया ब्लॉक से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में राज्यसभा में बीआरएस के 4 और बीजद के 7 सांसद हैं, जबकि लोकसभा में इनका प्रतिनिधित्व शून्य है।
किसानों की तकलीफ पर बीआरएस का फैसला
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामा राव ने सोमवार को कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहना तेलंगाना के किसानों की आवाज उठाने का तरीका है। उनका आरोप है कि यूरिया की भारी कमी से किसान परेशान हैं और कतारों में मारपीट तक की नौबत आ रही है। केटीआर ने यह भी कहा कि अगर उपराष्ट्रपति चुनाव में नोटा का विकल्प मौजूद होता, तो बीआरएस उसी को चुनती। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर किसानों की समस्या हल न करने का आरोप लगाया।
बीजद ने कहा- हमारी प्राथमिकता सिर्फ ओडिशा
बीजद नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने वरिष्ठ नेताओं और सांसदों से चर्चा के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, “बीजद की प्राथमिकता ओडिशा के साढ़े चार करोड़ लोगों का विकास और कल्याण है। हम एनडीए और इंडिया ब्लॉक, दोनों से समान दूरी बनाए रखेंगे।”
चुनाव की तस्वीर
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक की ओर से पूर्व न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी उम्मीदवार हैं। यह चुनाव संसद के दोनों सदनों के सांसदों से बने निर्वाचक मंडल द्वारा होता है। बता दें कि 21 जुलाई को मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों से जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उपराष्ट्रपति का पद खाली हुआ।




