26th August 2025
सिमडेगा
सिमडेगा पुलिस ने “ऑपरेशन रेड हंट” के तहत एक विशेष छापामारी अभियान चलाकर लंबे समय से फरार चल रहे 10 स्थायी (लाल) वारंटियों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। ये सभी आरोपी 12 से 38 वर्षों से फरार थे और अलग-अलग स्थानों पर पहचान छुपाकर जीवन बिता रहे थे।
अभियुक्तों के खिलाफ हत्या, बलात्कार, छेड़छाड़, लूट, रंगदारी, वाहन दुर्घटना, डकैती और आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर अपराधों में मामले दर्ज हैं। सिमडेगा, बानो, जलडेगा, महाबुआंग, टीटांगर और ओड़गा ओपी थानों से जुड़ी इन गिरफ्तारियों को लेकर पुलिस ने साझा जानकारी दी।
प्रमुख गिरफ्तारियां:
- जोहन मुण्डा (38 वर्षों से फरार): वर्ष 1987 में डकैती के एक मामले में आरोपी था, जिसे उसके गांव से ही गिरफ्तार किया गया।
- पावल गुड़िया (29 वर्षों से फरार): बलात्कार के दोषी को बेल पर छूटने के बाद गिरफ्तार किया गया, जो रांची के तुपुदाना में छुपकर राज मिस्त्री का काम कर रहा था।
- मुकुंद महतो (17 वर्षों से फरार): रंगदारी और लूट के कई मामलों में आरोपी, जिसने रांची में नाम बदलकर फर्जी आधार कार्ड से पहचान छुपाई थी।
- लिबनुस सोरेंग (21 वर्षों से फरार): ट्रक से सरकारी वाहन को नुकसान पहुंचाने के मामले में आरोपी, जो वर्षों से घर बनाकर रह रहा था।
अन्य गिरफ्तार आरोपी:
अमित कुमार बाड़ा (छेड़छाड़), असारू सिंह (वाहन दुर्घटना), जुनुल कन्डूलना (गैर इरादतन हत्या), कन्दरू सिंह (हत्या), मो. नौसाद खाँ (पिस्टल से धमकी व मारपीट), और भीमसेन्ट लोहरा (गृहभेदन) जैसे आरोपी भी शामिल हैं।
सभी अभियुक्त अलग-अलग स्थानों पर पहचान छुपाकर, कुछ तो परिवार के साथ सामान्य जीवन बिता रहे थे। पुलिस को गुप्त सूचना और कड़ी निगरानी के बाद ये सफलता मिली।
पुलिस अधीक्षक (SP) का बयान:
सिमडेगा एसपी ने कहा कि यह कार्रवाई कानून का डर कायम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। “ऐसे अपराधियों को पकड़ना हमारी प्राथमिकता है जो वर्षों से न्याय प्रक्रिया से भाग रहे हैं। ऑपरेशन रेड हंट आगे भी जारी रहेगा।”




