New Delhi
सरकारी दफ्तरों में अब ईमेल सर्विस के लिए Zoho Mail का इस्तेमाल किया जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) ने नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) के मौजूदा ईमेल सॉल्यूशन से माइग्रेशन के लिए जोहो को चुना है। इस समय करीब 33 लाख सरकारी कर्मचारी NIC ईमेल सिस्टम पर रजिस्टर्ड हैं। सरकार लंबे समय से एक सुरक्षित और भरोसेमंद क्लाउड सर्विस की तलाश में थी, जो अब जोहो के रूप में सामने आई है।
Zoho Mail ने जीता सरकारी टेंडर
MeitY ने कुछ समय पहले NIC ईमेल सिस्टम के अपग्रेड के लिए टेंडर जारी किया था। इस प्रक्रिया में कई कंपनियां शामिल हुईं, लेकिन अंततः Zoho ने यह कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया। जोहो के को-फाउंडर श्रीधर वेम्बू ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया बेहद सख्त थी और इसमें कंपनी को लगभग 15 से 20 बार ऑडिट से गुजरना पड़ा। “हमारे कोड्स, डेटा सेंटर्स और सिक्योरिटी प्रैक्टिसेज की गहन जांच की गई,” उन्होंने कहा।
विस्तृत ऑडिट और प्रतिस्पर्धा के बाद मिली मंजूरी
वेम्बू के मुताबिक, यह फैसला किसी राजनीतिक प्रभाव के तहत नहीं हुआ बल्कि पारदर्शी और तकनीकी मानकों पर आधारित था। उन्होंने कहा, “जोहो का सेलेक्शन एक लंबी और गहन प्रक्रिया के बाद हुआ। यह स्वदेशी टेक्नोलॉजी पर विश्वास की मिसाल है।”
उन्होंने बताया कि अब तक करीब 15 लाख यूजर्स जोहो प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट हो चुके हैं और बाकी यूजर्स का माइग्रेशन जारी है। MeitY के सचिव एस. कृषणन ने कहा कि सरकार का लक्ष्य किसी एक कंपनी को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि भारतीय प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता देना है। उन्होंने कहा, “हम इंडियन टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम को मजबूत बनाना चाहते हैं।”
प्राइवेट सेक्टर में भी लोकप्रिय हो रहा जोहो मेल
वेम्बू ने बताया कि Zoho Mail का इस्तेमाल केवल सरकारी विभागों तक सीमित नहीं है। “हम प्राइवेट सेक्टर में भी इसका व्यापक उपयोग देख रहे हैं,” उन्होंने कहा। गौरतलब है कि जुलाई में हुए ग्लोबल डेटा लीक के बाद सरकार ने अपने कर्मचारियों को @mail.gov.in डोमेन पर माइग्रेट करने की सलाह दी थी, जिसे अब Zoho संचालित कर रहा है।




