नये भारत में ऐसे लोगों के लिए कहां है जगह

शीतल सिंह

ये प्रणव राय और राधिका राय हैं। भारत में एक सभ्य रहते हुए पेशेवर टीवी चैनल NDTV को जन्म देने व उसके सफल संचालन के लिए जाने जाते रहे। जिन्होंने गुणवत्ता और सज्जनता के प्रतिमान गढ़ने की कोशिश की। इनके ख़िलाफ़ सात साल पहले मोदीजी के युग में सीबीआई ने एक मामला पैदा किया/ दर्ज किया।

सोशल मीडिया और गोदी मीडिया ने इससे संबंधित अनेक “लीक” को चटपटे रहस्योद्घाटन के रूप में इस जोड़ी को खलनायक बनाने के लिए सार्वजनिक विमर्श में लगातार प्रस्तुत किया।

इन्होंने न्यायपालिका के सारे दरवाज़ों पर न्याय की गुहार लगाई लेकिन इनके घर व दफ़्तर पर सीबीआई छापे मारती रही, ईडी भी तलवार पहंटती रही। बाइस दिनों तक सीबीआई ने इनसे पूछताछ का थका देने/ डरा देने वाला प्रहसन चलाया।

एक सांस्थानिक क़र्ज़ की इनकी हुंडी एक बैपारी के यहाँ गिरवी पड़ी थी, राष्ट्रसेठ अड़ानी जी ने वह प्राप्त कर ली और इस दंपति को समझ आ गया कि नये भारत में यदि रहना है तो………! और इन्होंने अपनी कंपनी , पत्रकारिता की शुचिता सहित इस ब्लैकमेल को सौंप दी और तौबा कर ली।

संघी घराने ने जश्न मनाया। उन्होंने एक असहमत आवाज़ का गला घोंटने में सफलता पा ली थी!

अब सीबीआई ने मामला बंद कर दिया और कोर्ट को प्रस्तुत फ़ाइनल रिपोर्ट में बताया कि इस दंपति ने कुछ भी ग़लत नहीं किया था।

प्रणव राय और राधिका राय सीपीएम के महासचिव रहे प्रकाश कारात व उनकी पत्नी वृंदा करात के साढ़ू सढुआइन हैं। इन दोनों दंपत्तियों ने अपने बच्चे पैदा न करके पाँच अनाथ बच्चों का पालन पोषण किया है और उनके लिए उज्ज्वल भविष्य निर्मित किया है। उन्होंने अपने जीवन में अध्यवसाय से जो भी संपत्ति अर्जित की है वह इनके बाद किसी निजी विरासत को नहीं बल्कि किसी सार्वजनिक ट्रस्ट को समर्पित हो जायेगी।

ऐसे लोगों के लिए ऐसा नया भारत निर्मित हुआ है! आप चाहें तो ताली बजा सकते हैं!

(शीतल सिंह की वॉल से बिना इजाजत)

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