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देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) अभियान के बीच बूथ लेवल अफसरों (BLO) की लगातार हो रही मौतों ने गंभीर चिंता खड़ी कर दी है। अभियान शुरू होने के 19 दिनों के भीतर अब तक 6 राज्यों के 15 बीएलओ अपनी जान गंवा चुके हैं।
21 नवंबर की रात से 22 नवंबर तक मध्य प्रदेश में दो बीएलओ की मौत ‘अचानक बीमारी’ बताई गई, जबकि परिवारों ने खुलकर कहा कि लगातार काम का दबाव और लक्ष्य पूरा करने की भागदौड़ ही असली वजह है।
भोपाल में दो बीएलओ को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। पश्चिम बंगाल में एक महिला बीएलओ ने आत्महत्या की, पीछे सुसाइड नोट भी छोड़ा। परिजन कह रहे हैं कि “देर रात तक ऑनलाइन मीटिंग, टारगेट का तनाव और कार्रवाई की चेतावनी” की वजह से हालात बिगड़ते चले गए।
इलेक्शन कमीशन की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान 60.54% डिजिटलाइजेशन के साथ सबसे आगे है, जबकि केरल मात्र 10.58% के साथ सबसे पीछे। अब तक 98.98% फॉर्म बांटे जा चुके हैं।
राज्यवार स्थिति
पश्चिम बंगाल (3 मौतें): दूसरा सुसाइड
- नदिया में बीएलओ रिंकू का शव घर में फंदे से लटका मिला।
- सुसाइड नोट में दबाव की बात।
- राज्य में यह SIR से जुड़ी तीसरी मौत है।
राजस्थान
- जयपुर में बीएलओ मुकेश जांगिड़ (48) ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दी।
- करौली में एक बीएलओ की मौत, सवाई माधोपुर में हार्ट अटैक का मामला।
गुजरात
- लगातार चार दिनों में 4 बीएलओ की मौतें।
- अहमदाबाद के फारूक और दाहोद के बचूभाई अस्पताल में भर्ती।
मध्य प्रदेश
- रायसेन में बीएलओ रमाकांत पांडे की मौत, परिवार बोला—“चार रातों से सोए भी नहीं थे।”
- दमोह में फॉर्म भरते समय सीताराम गोंड (50) गिर पड़े, इलाज में मौत।
- रायसेन के नारायण सोनी छह दिन से लापता—परिवार का आरोप: तनाव, कार्रवाई का डर, देर रात की मीटिंगें।
- भोपाल में दो बीएलओ—कीर्ति कौशल और मोहम्मद लईक—ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से भर्ती।
- 6 नवंबर: दमोह में सड़क हादसे में श्याम शर्मा की मौत।
- 11 नवंबर: दतिया के उदयभान सिहारे ने आत्महत्या कर ली।
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