देवघर
श्रावण महीने में बाबा बैद्यनाथ धाम आस्था का केंद्र बना हुआ है। दूर-दूर से श्रद्धालु कांवर यात्रा कर जल चढ़ाने आते हैं। लेकिन इस बार की यात्रा कुछ श्रद्धालुओं के लिए जीवन का सबसे बड़ा सदमा बन गई। गया के सुनील कुमार दास भी इसी श्रद्धा के साथ अपनी पत्नी सुमन कुमारी के साथ बाबा के दरबार पहुंचे थे – मन्नत थी पुत्र रत्न की। पर दुर्भाग्य ने ऐसी करवट ली कि लौटे अकेले, पत्नी को खोकर।
सुनील, जो सोलरा गांव (प्रखंड परैया, जिला गया, बिहार) के निवासी हैं, पिछले वर्ष अकेले बाबा पर जल अर्पित कर लौटे थे। इस बार गांव वालों की सलाह पर पत्नी को साथ लेकर यात्रा पर निकले थे – मान्यता थी कि दंपती साथ आएं तो मुराद जल्द पूरी होती है। इसी विश्वास के साथ सुल्तानगंज से कांवर यात्रा की शुरूआत की और तीसरी सोमवारी को जलार्पण भी किया।
पर मंगलवार की सुबह शिवगंगा में स्नान के बाद जब वे बासुकीनाथ जाने के लिए अस्थायी बस पड़ाव से बस में सवार हुए, तब उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि ये सफर उनकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी त्रासदी बन जाएगा। एक घंटे के भीतर ही मोहनपुर क्षेत्र में श्रद्धालुओं से भरी बस की टक्कर गैस सिलेंडर से लदे ट्रक से हो गई। हादसा इतना भीषण था कि सुमन कुमारी की मौके पर ही मौत हो गई।
सुनील खुद भी घायल हुए। जब उन्हें स्थानीय लोगों ने बस से बाहर निकाला और पत्नी की मौत की सूचना दी गई, तो वे पूरी तरह टूट गए। देवघर सदर अस्पताल के बाहर एक कुर्सी पर बैठे वे गहरे सदमे में थे। इतना ही बोल सके – “भोलेनाथ से बेटा मांगने आया था, पत्नी को ही खो दिया।” फिर वे फूट-फूटकर रोने लगे।
अब वह अकेले घर लौटेंगे – न कांवर साथ होगा, न जीवन भर का साथ निभाने वाली पत्नी।
हादसे में जान गंवाने वालों की सूची:
मौके पर हुई मौत:
- सामदा देवी (38), पति – देवकी प्रसाद, तरेगना, पटना
- सुमन कुमारी (30), पति – सुनील कुमार दास, सोनरा, गया
- दुर्गावती देवी (45), पति – गामा ढांगर, पश्चिमी चंपारण
- सुभाष तुरी (30), बस चालक, मोहनपुर, देवघर
सदर अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले:
- शिवराज उर्फ पीयूष (17), पिता – सुनील पंडित, वैशाली
एम्स देवघर में हुई मृत्यु:
- देवकी प्रसाद (45), तरेगना, पटना




