बाबूलाल मरांडी का गंभीर आरोप, बताया किसके इशारे पर हुआ सूर्या हांसदा का कथित एनकाउंटर

24th August 2025

रांची

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि झामुमो सरकार और माफियाओं के गठजोड़ ने एक सुनियोजित साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया। कहा कि कुछ लोगों के इशारे पर कथित एनकाउंटर हुआ है।

मरांडी शनिवार को प्रदेश कार्यालय में एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि गोड्डा जिला के ललमटिया निवासी और सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की हत्या पुलिस द्वारा एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत की गई।

11 जून को मिली थी धमकी, 12 जून को दर्ज हुआ मुकदमा

मरांडी ने आरोप लगाया कि 11 जून 2025 को गोड्डा में झामुमो की एक सभा के दौरान मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि और झामुमो के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने सार्वजनिक रूप से धमकी दी थी कि “जो सरकार की बात नहीं मानेगा, उसे पुलिस की गोली मारेगी।” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

उन्होंने कहा कि ठीक अगले दिन, 12 जून को सूर्या हांसदा का नाम एक मुकदमे में जोड़ दिया गया। जांच समिति ने इसे एक साजिश का हिस्सा बताया है, क्योंकि दो महीने बाद पुलिस मुठभेड़ में उनकी हत्या कर दी गई।

सूर्या हांसदा अपराधी नहीं, संवेदनशील कार्यकर्ता थे

मरांडी ने बताया कि झारखंड पुलिस ने सूर्या हांसदा को अपराधी बताया, जबकि किसी भी न्यायालय ने उन्हें दोषी नहीं ठहराया था। पुलिस द्वारा जिन 24 मुकदमों का हवाला दिया गया, उनमें से 14 में वे बाइज्जत बरी हो चुके थे, 5 में जमानत पर थे और 5 में जमानत विचाराधीन थी।

उन्होंने कहा कि 27 मई की जिस घटना को आधार बनाकर एफआईआर दर्ज की गई, उस दिन सूर्या अपने बेटे का जन्मदिन मना रहे थे। संबंधित कंपनी ने भी कोई शिकायत नहीं की थी।

इनकाउंटर की कहानी फर्जी, गोली पेट में लगी थी

मरांडी ने कहा कि पुलिस द्वारा बताया गया इनकाउंटर संदिग्ध है। सूर्या हांसदा के शरीर पर तीन गोलियों के निशान थे, जिनमें कोई भी गोली पीठ पर नहीं लगी थी, बल्कि सभी पेट में लगी थीं। ऐसे में यह दावा झूठा प्रतीत होता है कि वह भाग रहे थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने कानून का पालन नहीं किया। किसी गवाह को साथ नहीं रखा गया, न ही मेडिकल जांच कराई गई।

भाजपा नेता ने कहा कि सूर्या हांसदा 400 अनाथ बच्चों की पढ़ाई की चिंता करते थे और आदिवासी हितों के लिए संघर्षशील थे। उन्होंने मांग की कि पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए ताकि न्याय हो सके।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट संदेहास्पद: भानु प्रताप शाही

प्रेसवार्ता में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही ने कहा कि सूर्या हांसदा की मौत पुलिस के टॉर्चर से हुई और बाद में गोली मारकर इनकाउंटर दिखाया गया। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर मिले चोटों की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की। प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।

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