रांची
झारखंड के गोड्डा जिले में हुए सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले में अब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP), गोड्डा के उपायुक्त (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) को नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर निर्धारित समयावधि में अधिकारी उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ समन जारी किया जा सकता है। यह कार्रवाई भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश की शिकायत के आधार पर शुरू की गई है।
क्या है मामला?
11 अगस्त को गोड्डा के बोआरीजोर थाना क्षेत्र स्थित ललमटिया धमनी पहाड़ में एक पुलिस मुठभेड़ में सूर्या हांसदा की मौत हो गई थी। एक दिन पहले, 10 अगस्त की शाम, उन्हें देवघर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था। सूर्या की मां नीलमुनि मुर्मू का आरोप है कि plain clothes में बाइक से आए पुलिसकर्मी सूर्या को उसकी मौसी के घर से उठाकर ले गए थे।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
सूर्या हांसदा का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। वे चार बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके थे – दो बार झारखंड विकास मोर्चा (JVM) से (2009 और 2014), एक बार भाजपा से (2019), और आखिरी बार JLKM पार्टी के बैनर तले (2024)। 2019 में भाजपा टिकट पर वे दूसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन 2024 में टिकट न मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।
आपराधिक पृष्ठभूमि
हाल के दिनों में सूर्या हांसदा पर कई गंभीर आपराधिक आरोप लगे थे। साहिबगंज के मिर्जा चौकी थाना और गोड्डा के ललमटिया थाना में उनके खिलाफ संगीन धाराओं में FIR दर्ज की गई थी। अब आयोग इस एनकाउंटर में हुई प्रक्रिया और शिकायतों की जांच की दिशा में आगे बढ़ चुका है, जिससे मामले ने एक बार फिर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है।




