RANCHI
झारखंड में ई-कल्याण छात्रवृत्ति भुगतान में हो रही गंभीर देरी और अव्यवस्थाओं के मुद्दे पर छात्रहित सर्वोपरि मंच—झारखंड ने गुरुवार को राज्यभर में संगठित पहल की। मंच के प्रदेश अध्यक्ष राहुल कुमार राणा, प्रदेश उपाध्यक्ष आमिर हमजा और प्रदेश संगठन प्रभारी कुणाल पोद्दार के नेतृत्व में कोडरमा, पलामू, गोड्डा, दुमका सहित कई जिलों में छात्र प्रतिनिधियों ने जिला उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपा। सभी जिलों में प्रशासन से अनुरोध किया गया कि इस ज्ञापन को राज्यपाल तक अग्रसारित किया जाए और जिला कल्याण पदाधिकारियों को भी निर्देशित किया जाए कि वे कल्याण आयुक्त एवं कल्याण सचिव को लंबित मांग पत्रों पर रिमाइंडर भेजें।
कोडरमा:
यहाँ सुनील कुमार और अख्तर अंसारी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने ई-कल्याण छात्रवृत्ति की अव्यवस्था को विस्तार से रखते हुए कहा कि भुगतान में देरी से हजारों छात्रों की पढ़ाई प्रतिदिन प्रभावित हो रही है। उन्होंने जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की माग की।
पलामू:
पलामू में जिला अध्यक्ष दीपू कुमार सिंह और जिला सचिव सचिन सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में छात्र उपायुक्त कार्यालय पहुंचे। प्रतिनिधियों ने बताया कि छात्रवृत्ति न मिलने से कई विद्यार्थियों को कर्ज लेकर पढ़ाई जारी रखनी पड़ रही है और फीस जमा न होने से कॉलेजों में प्रवेश, परीक्षा और मार्कशीट जैसी प्रक्रियाएँ बाधित हो रही हैं।
गोड्डा:
गोड्डा जिले में विवेकानंद शाह और ललित महतो के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में छात्रवृत्ति भुगतान में देरी को “शिक्षा संकट” बताया गया। दोनों प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन और जिला कल्याण पदाधिकारी को स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया, जिस पर अधिकारियों ने उचित पहल करने का आश्वासन दिया।
दुमका:
दुमका में रूपेश यादव और हिमांशु कुमार के नेतृत्व में छात्रों के समूह ने जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया। प्रतिनिधियों ने कहा कि छात्रवृत्ति रुकी रहने से कॉलेजों में एडमिशन, परीक्षा फॉर्म से लेकर ट्रांसफर सर्टिफिकेट प्राप्त करने तक की प्रक्रिया प्रभावित है, जिससे हजारों परिवार चिंता में हैं।
ज्ञापन में उठाए गए मुख्य मुद्दे
सभी जिलों में दिए गए ज्ञापन में इन महत्वपूर्ण बिंदुओं को प्रमुखता से रखा गया—
- पिछले तीन वर्षों से छात्रवृत्ति भुगतान में गंभीर अव्यवस्था और बार-बार देरी।
- केंद्र और राज्य सरकार की 60–40 हिस्सेदारी वाली योजना में केंद्र की 60% राशि जारी नहीं हुई है।
- लगभग ₹9 अरब 80 करोड़ राशि लंबित, जिससे लाखों विद्यार्थी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित।
- फीस, परीक्षा फॉर्म, मार्कशीट और टीसी लेने में छात्रों को भारी परेशानी।
- कई छात्रों की पढ़ाई बीच में रुकने की स्थिति और कर्ज लेने की मजबूरी।
मुख्य मांगें
मंच ने राज्यभर में एकसमान मागें उठाईं—
- केंद्र सरकार तुरंत लंबित 60% बजट जारी करे।
- छात्रवृत्ति भुगतान प्रक्रिया को नियमित, पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाए।
- सभी लंबित राशि का तत्काल भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
- सत्र 2023-24 और 2024-25 की छात्रवृत्ति प्रक्रिया तुरंत पूर्ण की जाए।
- 15 दिनों के भीतर ठोस समाधान न मिलने पर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक आंदोलन की चेतावनी दी गई।

