RANCHI
झारखंड में सरना धर्मावलंबियों की घटती जनसंख्या को लेकर आदिवासी समाज में गहरी चिंता उभर आई है। इसी मुद्दे को केंद्र में रखते हुए आज तुपुदाना स्थित चांद गांव में ‘आदिवासी सरना बचाओ महारैली’ का आयोजन किया गया है। विभिन्न आदिवासी संगठनों, युवा मोर्चाओं और सामाजिक समूहों ने इसमें बड़ी संख्या में शामिल होने की घोषणा की है।
कार्यक्रम को लेकर इलाके में सुबह से ही हलचल देखी जा रही है। दसमाइल चौक से लेकर चांद गांव तक लंबा जनसमूह जुटने की संभावना जताई जा रही है। आयोजनकर्ताओं ने बताया कि रैली का मकसद सरकार को यह संदेश देना है कि सरना धर्म को अलग पहचान मिले और जनगणना में अलग कॉलम बहाल किया जाए।
मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उरांव ने कहा कि सरना समाज की संख्या लगातार घट रही है, जिससे एक गंभीर सांस्कृतिक संकट पैदा हो रहा है।
“अगर समय रहते सरना पहचान की सुरक्षा नहीं की गई तो आने वाली पीढ़ियों में हमारी सांस्कृतिक जड़ें कमजोर पड़ जाएंगी,” उन्होंने कहा।
संगठनों का आरोप है कि धार्मिक पहचान के भ्रम, पलायन, और जनगणना में स्पष्ट कॉलम नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में लोग अनजाने में अन्य श्रेणियों में दर्ज हो जा रहे हैं। रैली में वक्ता इस मुद्दे पर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग करेंगे।
स्थानीय प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत कर दी है। यातायात पुलिस ने दसमाइल चौक और नामकुम की ओर रूट डायवर्जन की तैयारी की है।
आज की महारैली का फोकस:
- सरना धर्म के लिए अलग कॉलम की मांग
- घटती जनसंख्या पर जागरूकता
- सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं की सुरक्षा
- समुदाय को एकजुट करने का संदेश
आयोजकों को उम्मीद है कि यह रैली आदिवासी समाज की सामूहिक आवाज को और मजबूत करेगी तथा सरकार तक एक स्पष्ट संदेश पहुंचाएगी।




