पटना
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एनडीए के दिग्गज नेताओं पर गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीके ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सातवीं पास बताते हुए कहा कि उन्होंने बिना मैट्रिक पास किए ही डॉक्टरेट की डिग्री हासिल कर ली। साथ ही दावा किया कि वे कांग्रेस नेता सदानंद सिंह की हत्या के मामले में जेल भी जा चुके हैं और नाबालिग बताकर बाहर आए थे।
पीके ने कहा कि सम्राट चौधरी कई बार नाम बदल चुके हैं—पहले सम्राट कुमार मौर्य, फिर राकेश कुमार और बाद में सम्राट चौधरी। उन्होंने आरोप लगाया कि 1998 में सदानंद सिंह की बम विस्फोट में हत्या हुई थी, जिसमें छह लोगों की मौत हुई। उस केस में सम्राट को जेल हुई थी।
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि आरजेडी शासन में सम्राट बिना विधायक या एमएलसी बने ही मंत्री बन गए थे। कम उम्र के चलते उन पर मामला दर्ज हुआ और बर्खास्तगी भी हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट में जमा दस्तावेज़ों के अनुसार सम्राट कुमार मौर्य मैट्रिक परीक्षा में फेल हुए थे और 2010 के शपथपत्र में खुद को सातवीं पास बताया था।
पीके ने चुनौती दी कि सम्राट चौधरी जनता को साफ बताएं कि उन्होंने मैट्रिक कब पास किया। साथ ही उन पर गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का भी आरोप लगाया। सिर्फ सम्राट ही नहीं, प्रशांत किशोर ने एनडीए के अन्य नेताओं—स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और सांसद संजय जायसवाल—पर भी करप्शन और क्राइम से जुड़े आरोप लगाए।




