साइबर ठगी के सदमे में रिटायर्ड प्रोफेसर की दिल दहला देने वाली मौत, थाने में आवेदन लिखते समय आ गया अटैक

26th October 2025

26th October 2025

Patna

बिहार के पूसा स्थित कृषि महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. मुकेश प्रसाद सिंह (71) साइबर ठगी का शिकार हो गए। 25 लाख रुपये की ठगी के सदमे ने उनकी जान ले ली। शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे प्रोफेसर को आवेदन लिखते समय ही हार्ट अटैक आया और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

डॉ. मुकेश प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजू जायसवाल के भाई थे। ठगी की यह वारदात 23 अक्टूबर को हुई थी, जब उनके पंजाब नेशनल बैंक खाते से पाँच किस्तों में पाँच-पाँच लाख रुपये निकाल लिए गए।

शिकायत लिखते-लिखते टूटी सांस

ठगी की घटना वाले दिन ही उन्होंने नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी। अगले दिन, शुक्रवार को वे साइबर थाना पहुंचे ताकि औपचारिक एफआईआर दर्ज करवा सकें। आवेदन लिखते समय ही अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। आवेदन आधा ही लिखा रह गया था कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा।

थाने से पहले उन्हें सदर अस्पताल और फिर जूरन छपरा के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। निधन के बाद उनके काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र स्थित नयाटोला के शांति सदन आवास पर शोक का माहौल छा गया। तीन भाइयों में डॉ. मुकेश सबसे छोटे थे। परिवार मूल रूप से खगड़िया जिले के महेशखूंट का रहने वाला है।

अधूरा आवेदन बना आखिरी दस्तावेज

थाने में मिला अधूरा आवेदन बताता है कि प्रो. मुकेश ठगी की जानकारी लिख ही रहे थे कि उन्हें अटैक आ गया। उन्होंने लिखा था— “सूचित करना है कि मेरे खाता से 25 लाख रुपये की धोखाधड़ी हो गई है। 22 अक्टूबर को व्हाट्सएप पर एक अंजान नंबर से एपीके फाइल आई, जिसे मैंने पीएनबी मोबाइल एप समझकर अपनी जानकारी भर दी…”
बस, यहीं तक लिख पाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई।

उनकी बहन डॉ. मंजू जायसवाल ने बताया कि भाई के खाते में रिटायरमेंट की जमा पूंजी थी। संभवतः वे मोबाइल बैंकिंग ऐप इंस्टॉल करने की कोशिश कर रहे थे और इसी दौरान फिशिंग साइट के झांसे में आ गए। साइबर ठगों ने एप डाउनलोड करवाकर उनका मोबाइल हैक कर लिया और विभिन्न खातों में रकम ट्रांसफर कर दी।

सम्मानित परिवार, अधूरी लड़ाई

डॉ. मुकेश के बड़े भाई मधुसूदन प्रसाद रिटायर्ड डीआईजी हैं, जबकि मंझले भाई मनोरंजन जायसवाल व्यवसायी हैं। मुकेश 2019 में सेवा निवृत्त हुए थे। उनका एकमात्र पुत्र अतिंद्र कुमार नोएडा की एक कंपनी में इंजीनियर हैं। उनके माता-पिता, डॉ. सहदेव प्रसाद और डॉ. शांति सिंह, दोनों ही शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक थे।

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