CENTRAL DESK
टेस्ला के शेयरधारकों ने सीईओ इलॉन मस्क के लिए अब तक का सबसे बड़ा वेतन पैकेज शर्तों के साथ मंजूर कर दिया है। यह पैकेज 1 ट्रिलियन डॉलर (लगभग ₹83 लाख करोड़) का है। वोटिंग में 75% से ज्यादा शेयरधारकों ने हां कहा, जिसमें मस्क के 15% शेयर्स शामिल नहीं थे। ये पैकेज अब उन्हें दुनिया का पहला ट्रिलियनेयर बना सकता है।
वेतन पैकेज मंजूर होने के बाद मस्क ने शेयरधारकों को धन्यवाद दिया और स्टेज पर डांस भी किया। उन्होंने कहा कि ये टेस्ला का नया चैप्टर नहीं, बल्कि नई बुक है। इलॉन मस्क को मिला ट्रिलियन डॉलर का पैकेज उन्हें 2018 में मिले 56 बिलियन डॉलर के पैकेज से करीब 16 गुना ज्यादा है। नया पैकेज 10 साल के लिए है। रोबोट्स पर बात करते हुए मस्क ने कहा कि ये सबसे बड़ा प्रोडक्ट होगा, सेल फोन्स से भी बड़ा… हर इंसान को अपना पर्सनल रोबोट चाहिए होगा।
ऑप्टिमस टेस्ला का ह्यूमनॉइड रोबोट है, जो 2021 में अनाउंस हुआ और 2022 में पहला प्रोटोटाइप दिखाया गया। इसका मकसद फैक्ट्री वर्क, घरेलू काम या वो जॉब्स करना है जो इंसान नहीं करना चाहते। टेस्ला का फोकस अब रोबोट और ऑटोनॉमस कार्स पर ही है। बीते दिनों उन्होंने टेस्ला के तिमाही नतीजों की घोषणा के दौरान उनके ऑप्टिमस रोबोट की मदद से गरीबी मिटाने का दावा किया। उन्होंने कहा- ये गरीबी को खत्म करने और एडवांस्ड हेल्थकेयर को सबके लिए आसानी से उपलब्ध बनाने में बड़ा रोल निभा सकता है।
रोबोट्स और ऑटोमेशन इंसानों के कंधों से मेहनत का बोझ हटा लेंगे, ताकि समाज हाई-वैल्यू वाले कामों पर ध्यान दे सके। मस्क ने कहा कि ऑप्टिमस एक दिन “कमाल का सर्जन” बन सकता है, और ये उनकी लॉन्ग-टर्म सोच का हिस्सा है।
मस्क ने कहा भले ही ये दावे अभी सिर्फ कल्पना ही लगते हैं, लेकिन ये बातें दिखाती हैं कि टेस्ला इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बाद रोबोटिक्स को अपना अगला बड़ा प्रोडक्ट बना रही है। ये 1 ट्रिलियन डॉलर का कंपनसेशन एग्रीमेंट 10 साल का प्लान है, जिसमें मस्क को 12 हिस्सों में स्टॉक ऑप्शन्स मिलेंगे। फुल पेमेंट पाने के लिए कुछ बेंचमार्क पूरे करने पड़ेंगे।
कंपनी का मार्केट कैप 8.5 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 750 लाख करोड़ रुपए हो जाना। फुल सेल्फ-ड्राइविंग सॉफ्टवेयर के 1 करोड़ पेड सब्सक्रिप्शन हासिल करना। 10 लाख ह्यूमनॉइड रोबोट्स बेचना। 18 महीनों में इसके प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है। टेस्ला की करंट वैल्यू 1.40 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 124 लाख करोड़ रुपए है। पैकेज के लिए 466% ग्रोथ की जरूरत है, जो एनवीडिया के $5 ट्रिलियन की रिकॉर्ड वैल्यू से भी आगे है।
मस्क पहले से ही दुनिया के सबसे अमीर इंसान हैं और ये प्लान पास होने से उनकी होल्डिंग 15% से बढ़कर 29% हो सकती है। मस्क को मिला ये पैकेज 2018 वाले प्लान जैसा है। इसमें मस्क को सैलरी की जगह कंपनी के 56 बिलियन डॉलर के शेयर्स मिले थे। इसमें भी उन्हें कुछ शर्तें पूरी करनी थी जिसके बाद ही ये शेयर्स दिए गए थे।
हालांकि, 2018 में मस्क को मिले स्टॉक ऑप्शन्स बेस्ड 56 बिलियन डॉलर के पैकेज को डेलावेयर कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया था। शेयरहोल्डर्स का कहना है कि बोर्ड ने उन्हें डिटेल्स ठीक से नहीं बताईं थी। इसलिए वोटिंग फेयर नहीं हुई। टेस्ला अब कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील कर रही है।
टेसला अब EVs से ज्यादा सेल्फ-ड्राइविंग कार्स, रोबोटैक्सी और ह्यूमनॉइड रोबोट्स पर फोकस कर रही है। मस्क ने शेयरधारक मीटिंग में कहा कि रोबोट्स कार्स से ज्यादा इंपॉर्टेंट हैं। फुल सेल्फ-ड्राइविंग (FSD) सॉफ्टवेयर अभी ड्राइवर अटेंशन की जरूरत रखता है। रोबोट्स अभी डेवलपमेंट में हैं और बिक्री नहीं हो रही, तो टारगेट्स मिस होने पर मस्क को शेयर्स नहीं मिलेंगे। कंपनी चैलेंजेस के बावजूद ये पैकेज मोटिवेशन के तौर पर देखा जा रहा है।
मस्क का कहना है कि पैकेज वेल्थ के लिए नहीं, बल्कि वोटिंग कंट्रोल के लिए है ताकि वो स्ट्रॉन्ग इन्फ्लुएंस रख सकें लेकिन फायर भी हो सकें अगर जरूरी हो। बीते दिनों Q3 अर्निंग्स कॉल में इन्वेस्टर्स ने मस्क से ऑप्टिमस रोबोट को मार्केट में लाने वाली मौजूदा चुनौतियों के बारे में पूछा गया। मस्क ने कहा कि टेस्ला की मैन्युफैक्चरिंग और टेक की ताकत जबरदस्त है, लेकिन बेसिक चिंता टेस्ला में वोटिंग कंट्रोल को लेकर है।
उन्होने कहा- वोटिंग कंट्रोल इतना होना चाहिए कि मजबूत इन्फ्लुएंस मिले, लेकिन इतना ज्यादा न हो कि अगर मैं पागल हो जाऊं तो मुझे फायर न किया जा सके। अगर मजबूत इन्फ्लुएंस न हो, तो मैं ये रोबोट आर्मी बनाने में कंफर्टेबल नहीं महसूस करता।
टेस्ला के बोर्ड और कई इनवेस्टर्स, जैसे फ्लोरिडा का पब्लिक पेंशन फंड, इस प्लान को मस्क को मोटिवेट करने वाला बता रहे हैं। फंड ने फाइलिंग में कहा… जो लोग प्लान को ‘बहुत बड़ा’ कहते हैं, वो टेस्ला के एम्बिशन को इग्नोर कर रहे हैं। कंपनी ने पहले भी ऐसे इंसेंटिव से EV और क्लीन एनर्जी में ग्लोबल लीडरशिप हासिल की। आर्क इन्वेस्ट की CEO कैथी वुड ने X पर लिखा, “इनवेस्टर्स को समझ नहीं आ रहा कि मस्क के गोल्स अचीव होने पर वो और उनके क्लाइंट्स को कितना फायदा होगा।
लेकिन न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया के पेंशन फंड्स ने विरोध किया। नॉर्वे सोवरेन वेल्थ फंड ने कहा, “मस्क की वैल्यू क्रिएशन की तारीफ है, लेकिन अवॉर्ड का साइज, डाइल्यूशन और की पर्सन रिस्क चिंता की बात है। वहीं पोप लियो XIV ने कहा- मस्क का कंपेंसेशन वर्किंग पीपल और अमीरों के बीच गैप का सिंप्टम है।
मस्क अक्टूबर की शुरुआत में ही 500 बिलियन डॉलर की संपत्ति का आंकड़ा छूने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बने थे। फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के अनुसार 1 अक्टूबर को जब अमेरिकी मार्केट बंद हुआ, तब इलॉन मस्क की नेटवर्थ 500 बिलियन डॉलर (44.33 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गई थी। बीते 10 सालों में मस्क की नेटवर्थ 34 गुना बढ़ी है।
टेस्ला: टेस्ला की स्थापना 2003 में मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टारपेनिंग ने की थी। इलॉन मस्क कंपनी के शुरुआती निवेशकों में से एक थे और फरवरी 2004 में उन्होंने टेस्ला में भारी निवेश किया। इसके बाद मस्क टेस्ला के चेयरमैन और फिर CEO बन गए। टेस्ला का मकसद इलेक्ट्रिक गाड़ियों को आम लोगों तक पहुंचाना और सस्टेनेबल एनर्जी को बढ़ावा देना था।
स्पेसएक्स: स्पेसएक्स की शुरुआत इलॉन मस्क ने मार्च 2002 में की थी। उनका सपना स्पेस लॉन्च की लागत घटाना और मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाना था। स्पेसएक्स ने 2008 में पहला सफल रॉकेट (Falcon 1) लॉन्च किया और 2012 में इसका Dragon कैप्सूल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़ा।
न्यूरालिंक: न्यूरालिंक की स्थापना इलॉन मस्क ने 2016 में की थी। इस कंपनी का मकसद इंसानी दिमाग और कंप्यूटर को जोड़ने वाली ब्रेन-मशीन इंटरफेस तकनीक विकसित करना है। न्यूरालिंक का उद्देश्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का इलाज करना और भविष्य में इंसानों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ बेहतर तरीके से जोड़ना है।




