RANCHI
रांची नगर निगम ने शहरभर में अतिक्रमण हटाने के बाद खाली कराई गई जमीनों के विकास की बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू कर दी है। निगम अब इन खाली स्थानों को वॉक-वे, शेल्टर होम, लेबर शेड, पार्किंग ज़ोन और छोटे ग्रीन गार्डन जैसे उपयोगी ढांचों में बदलने जा रहा है।
नगर निगम प्रशासक सुशांत गौरव की पहल पर शहर को साफ–सुथरा और व्यवस्थित बनाने के लिए लगातार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। निगम का फोकस अब इन मुक्त कराई गई जमीनों को बेहतर तरीके से उपयोग में लाने पर है, ताकि स्थानीय लोगों को सीधा लाभ मिल सके।
वॉक-वे और ग्रीन ज़ोन की योजना
निगम कई प्रमुख सड़कों के किनारे तैयार हो रहे वॉक-वे और छोटे ग्रीन ज़ोन को लेकर तेज़ी से काम कर रहा है। जहां भी खाली जगह मिली है, वहां पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित रास्ते और छोटे–छोटे ग्रीन गार्डन विकसित किए जाएंगे।
तीन प्रमुख मार्गों पर बनने वाले वॉक-वे:
- न्यू मार्केट चौक से हरमू स्थित मिनी ट्रांसफर स्टेशन ब्रिज तक – लागत: ₹2,71,58,400
- भुसूर नदी ब्रिज से डिबडीह फ्लाईओवर तक – लागत: ₹1,91,39,000
- मेडिका चौक से बूटी मोड़ चौक तक – लागत: ₹2,00,96,700
- मधुकम बीएसयूपी आवास कैंपस की चारदीवारी के समीप वॉक-वे – लागत: ₹29,36,500
अतिक्रमण को दोबारा रोकने और जमीन को सुरक्षित रखने के लिए कई क्षेत्रों में चारदीवारी बनाई जा रही है।
मुख्य स्थान और लागतः
- मोरहाबादी इलेक्ट्रिक सब स्टेशन के पास – ₹20,68,400
- वार्ड-11, कसाई मोहल्ला – ₹23,79,850
- कुसुम विहार रोड नंबर-9 – ₹38,65,800
- मोरहाबादी रजिस्ट्री ऑफिस के पास – ₹58,88,800
- वार्ड-48, बड़ा घाघरा – ₹28,27,100
शेल्टर होम और लेबर शेड का निर्माण
निगम सामाजिक दृष्टि से भी कई अहम निर्माण कर रहा है। इसमें आश्रयगृह और श्रमिक सम्मान स्थल शामिल हैं।
| कार्य का विवरण | लागत (₹ में) |
| मोरहाबादी मैदान के पास लेबर शेड | 14,77,550 |
| ITI बस स्टैंड के पास 50 बेड शेल्टर होम | 1,33,68,400 |
| जगन्नाथपुर मंदिर शेल्टर होम रिनोवेशन | 23,67,050 |
| धुर्वा बस स्टैंड शेल्टर होम के पास पेवर ब्लॉक | 17,27,300 |
| वार्ड-10 में 50 बेड शेल्टर होम | 1,25,36,210 |
| प्रस्तावित शेल्टर होम की चारदीवारी | 4,36,000 |
| मोरहाबादी रजिस्ट्री ऑफिस के पास वेंडिंग जोन | 3,45,16,500 |
निगम का कहना है कि इस पहल से शहर न केवल बेहतर दिखेगा बल्कि सार्वजनिक सुविधाएं भी बढ़ेंगी। यह पूरी योजना शहरी ढांचे को आधुनिक और उपयोगी बनाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।




