Ghaziabad
उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर लगातार विवाद बढ़ रहा है। ताज़ा मामला ग़ाज़ियाबाद का है, जहां एसआईआर के काम में तैनात 21 बीएलओ और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
सिहानी गेट थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक केस लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 के तहत दर्ज किया गया है। नामजद कर्मचारियों में शिक्षक, नगर निगम कर्मी, ग़ाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के स्टाफ और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं।
एफआईआर में आरोप है कि सभी कर्मचारी चुनाव आयोग के आदेशों का पालन नहीं कर रहे थे और एसआईआर कार्य के दौरान ‘जानबूझकर गंभीर लापरवाही’ बरत रहे थे। इससे पहले गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में इसी तरह की कार्रवाई में 60 से अधिक कर्मचारियों पर चार एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। बरेली और बहराइच में भी ऐसे मामले सामने आए हैं।
चुनाव आयोग ने 4 दिसंबर तक गणना पत्र जमा कराने और मतदाताओं का डेटा सिस्टम में फीड करने का निर्देश दिया है, जिसके चलते कर्मचारियों पर काम का दबाव काफी बढ़ा हुआ है। इसी बीच मंगलवार को एसआईआर में लगे दो कर्मचारियों की मौत ने पूरे सिस्टम को हिला दिया है। परिजनों ने इन मौतों को आत्महत्या बताया है और वरिष्ठ अधिकारियों पर अत्यधिक दबाव और उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं।

