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जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर (पीके) अब सीधी जनता से जुड़ने की अपनी मुहिम को और तेज करेंगे। बिहार चुनाव में मिली हार के बाद भी पीके ने साफ कहा कि वे हतोत्साहित नहीं हैं, बल्कि अब और ताकत से एक मज़बूत विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने घोषणा की कि जनवरी से शुरू होकर अगले 18–20 महीनों तक जन सुराज के कार्यकर्ता राज्य के हर एक वार्ड—यानी एक लाख से अधिक वार्डों—में जाएंगे।
इस अभियान का मुख्य लक्ष्य है सीएम रोजगार योजना के तहत महिलाओं को वादा किए गए बाकी दो-दो लाख रुपये दिलाना। पीके ने कहा कि सरकार ने पहले चरण में 10 हजार रुपये दिए थे, लेकिन बाकी राशि अब तक महिलाओं को नहीं मिली है।
उन्होंने कहा—“जन सुराज पार्टी ये सुनिश्चित करेगी कि किसी भी महिला को यह मौका न चूकना पड़े। जिन महिलाओं को 10 हजार मिला है, उनका आगे का पूरा प्रोसेस हम संभालेंगे, और जिन्हें 10 हजार भी नहीं मिला, उनका भी फॉर्म भरवाया जाएगा।”
भितिहरवा गांधी आश्रम में 24 घंटे का उपवास तोड़ने के बाद पीके ने आरोप लगाया कि सरकार के पास पैसा नहीं था, इसलिए वर्ल्ड बैंक के कर्ज को डायवर्ट कर शुरुआती भुगतान किया गया। लेकिन बाद में 2 लाख रुपये देने का वादा अधूरा रह गया।
उन्होंने कहा कि जन सुराज अब हर परिवार तक जाकर फॉर्म भरवाएगा और सरकार तक पहुंचाएगा, ताकि किसी अधिकारी को यह न कहना पड़े कि महिलाओं ने फॉर्म नहीं भरा।
पीके ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने भुगतान नहीं किया, तो महिलाओं के साथ मिलकर पदाधिकारियों का घेराव किया जाएगा।
उन्होंने कहा—“लोगों को समझना होगा कि उनका वोट खरीदकर उनके साथ अन्याय किया गया है। अब समय है कि महिलाएँ अपना हक लेकर ही रहें।”
जन सुराज का यह व्यापक अभियान 15 जनवरी के बाद पूरे बिहार में शुरू होगा, जिसमें लगभग डेढ़ करोड़ महिलाओं को योजना का लाभ दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

