Kabul/Islamabad/Doha
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते सीमा तनाव के बीच शनिवार को दोनों देशों के उच्च अधिकारी संकट पर बातचीत के लिए कतर की राजधानी दोहा रवाना हुए। लेकिन इस कूटनीतिक पहल से ठीक पहले पाकिस्तान की ओर से किए गए हवाई हमले ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में शुक्रवार देर रात हुए इस एयरस्ट्राइक में तीन अफगानी क्रिकेटरों समेत आठ लोगों की मौत हो गई।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने इस हमले की पुष्टि करते हुए इसे “कायराना कार्रवाई” बताया और पाकिस्तान पर जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। बोर्ड ने बताया कि मारे गए खिलाड़ियों के नाम कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून हैं, जो अगले महीने पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ होने वाली ट्राई-नेशन सीरीज़ की तैयारी कर रहे थे। इस हमले के विरोध में अफगानिस्तान ने तत्काल प्रभाव से इस सीरीज़ से अपना नाम वापस ले लिया है।
अफगान मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमला तब हुआ जब दोनों देशों के बीच 48 घंटे का संघर्ष-विराम (ceasefire) लागू था। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने पक्तिका के उरगुन और बरमल जिलों में रिहायशी इलाकों पर बमबारी की, जिसमें कई निर्दोष लोग मारे गए। काबुल ने इस्लामाबाद पर सीज़फ़ायर तोड़ने का आरोप लगाया है, जबकि पाकिस्तान का दावा है कि वह अफगान सीमा से होने वाले आतंकी हमलों का जवाब दे रहा था।
इस बीच, दोनों देशों के बीच जारी टकराव को कूटनीतिक रूप से सुलझाने के लिए बातचीत का दौर शुरू होने जा रहा है। अफगान तालिबान सरकार ने बताया कि दोहा जाने वाले अफगान प्रतिनिधिमंडल में रक्षा मंत्री और खुफिया एजेंसी के प्रमुख शामिल हैं। वहीं, पाकिस्तान के सरकारी चैनल PTV ने पुष्टि की है कि इस्लामाबाद से भी एक उच्च स्तरीय दल शनिवार को दोहा के लिए रवाना हो गया है।
विश्लेषकों का मानना है कि अफगान क्रिकेटरों की मौत ने सीमा विवाद को भावनात्मक मोड़ दे दिया है। अब यह केवल सैन्य या राजनीतिक मामला नहीं रहा, बल्कि दोनों देशों के बीच विश्वास की परीक्षा बन गया है।




