RANCHI
झारखंड में बालू घाटों के संचालन को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब पूरे राज्य में बालू का उठाव और परिवहन सैंड माइनिंग रूल 2025 के तहत किया जाएगा। खान विभाग ने इसके लिए आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है और सभी जिलों को तुरंत प्रभाव से नए नियम लागू करने का निर्देश दिया गया है।
जारी आदेश के अनुसार, बालू की सरकारी दर 100 रुपये प्रति 100 सीएफटी तय की गई है। यह दर ग्रामसभा की ओर से बेचे जाने वाले बालू पर ही लागू होगी। सभी रसीदें और चालान भी इसी 100 सीएफटी यूनिट पर जारी किए जाएंगे ताकि दरों को लेकर किसी तरह की गड़बड़ी न हो। सरकार का कहना है कि इससे मूल्य निर्धारण पारदर्शी होगा और आम लोगों को तय दर पर ही बालू उपलब्ध कराया जा सकेगा।
खान विभाग ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित दर से अधिक वसूली करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में तत्काल लाइसेंस रद्द करने, जुर्माना लगाने और अवैध वसूली से जुड़े उपकरणों की जब्ती का प्रावधान है। अधिकारियों का मानना है कि इससे बालू कारोबार में लंबे समय से चल रही अवैध वसूली की प्रथा पर रोक लगेगी।
सरकार का उद्देश्य सैंड माइनिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है, जिससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
इसके साथ ही जिला प्रशासन को विशेष निगरानी टीमें गठित करने का निर्देश दिया गया है। ये टीमें घाटों पर कीमतों, ढुलाई, रसीद व्यवस्था और परिवहन वाहनों की मॉनिटरिंग करेंगी। अवैध ढुलाई या बिना चालान परिवहन पाए जाने पर तुरंत जब्ती और जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, नए नियमों से बालू कारोबार में नियंत्रण और व्यवस्था दोनों बेहतर होंगे, जबकि उपभोक्ताओं को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा।

