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Ranchi/Dhanbad
ED ने शुक्रवार तड़के कोयला कारोबार से जुड़े नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए झारखंड और बंगाल के कुल 42 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सुबह करीब छह बजे शुरू हुए इस ऑपरेशन में रांची, दुमका, धनबाद और कोलकाता के कई लोकेशन शामिल रहे। केवल झारखंड में ही ED ने दो करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं, साथ ही बड़ी मात्रा में निवेश से जुड़े दस्तावेज, मोबाइल डेटा और लेनदेन के रिकॉर्ड बरामद किए हैं।
रांची जोन की टीम ने दुमका और धनबाद में मशहूर कोयला कारोबारी लाल बहादुर सिंह सहित उनके करीबियों के 18 ठिकानों पर छापे मारे। दुमका में अमर मंडल के यहां से जमीन कारोबार से जुड़े कागजात मिले, जबकि धनबाद में अनिल गोयल के घर से ED को मोबाइल में कई ट्रांजैक्शन डिटेल मिली हैं।
कोलकाता ED ने भी शुरुआत में 20 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी, जो बाद में बढ़कर 24 लोकेशन हो गई।
सबसे ज्यादा ड्रामा लाल बहादुर सिंह के घर पर देखने को मिला, जहां ED टीम को अंदर घुसने में दो घंटे लग गए। बताया गया कि छापेमारी दल के पहुंचते ही उसने कुत्ते छोड़ दिए, जिससे अधिकारी बाहर ही रुकने को मजबूर हुए। इस दौरान सिंह ने डिजिटल डेटा डिलीट कर सबूत मिटाने की कोशिश भी की।
ED की जांच पुराने आरोपों पर आधारित है। 2019 में दर्ज ECIR में लाल बहादुर सिंह और उनकी कंपनी M/S AT–DEVPRABHA Pvt. पर आरोप था कि उन्होंने BCCL से मिले 452 करोड़ रुपये के काम में कोयले की हेराफेरी कर कंपनी को 13 करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाया। यह ECIR सीबीआई की एक एफआईआर के आधार पर दर्ज हुई थी।
ED ने इस बार लाल बहादुर सिंह के साथ उनके परिवार, संजय खेमका और अनिल गोयल—इन तीनों बड़े कोयला व्यापारिक समूहों को छापे की जद में लिया। जांच में सामने आया कि इन व्यापारियों ने अपनी गतिविधियों को चलाने के लिए कई कंपनियां बनाई, जिनमें उनके परिवार और करीबी निदेशक हैं। इन सभी कंपनियों पर भी कार्रवाई की गई।
पुराने मामलों में लाल बहादुर सिंह पहले भी विवादों में रहे हैं। 2011 में आयकर विभाग ने उनके यहां छापा मारा था और तब उनके खातों में 100 करोड़ रुपये जमा पाए गए थे, जिसकी जानकारी उन्होंने रिटर्न में नहीं दी थी।
ED की जांच में यह भी सामने आया कि BCCL से मिले काम के लिए बनाई गई उनकी ज्वाइंट वेंचर कंपनी में सिंह समेत कई अन्य निदेशक भी हैं और सिंह चार अन्य कंपनियों में भी डायरेक्टर हैं।
संजय खेमका का कारोबार BCCL, CCL और NCL तक फैला हुआ है। उनकी कंपनी M/S Sanjay Kumar Udyog Pvt. कोयला खनन, परिवहन और सप्लाई का मुख्य आधार है। इसके अलावा खेमका परिवार ने Essar Packer, Nexgen Sale & Service, Star Sun Suppliers और Coal Field Equipments जैसी कई कंपनियां बना रखी हैं।
उधर, अनिल गोयल ने भी कोयला बिजनेस के लिए सात कंपनियां रजिस्टर कराई हैं, जिनमें उनके परिवार के सभी सदस्य निदेशक हैं।
छापेमारी जारी है और ED सभी दस्तावेजों, डिजिटल डाटा और लेनदेन की फॉरेंसिक जांच कर रही है।

