21st September 2025
मुंबई
महाराष्ट्र में 22 सितंबर से शुरू हो रहे नवरात्रि पर्व से पहले गरबा आयोजनों को लेकर विवाद बढ़ गया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने आयोजकों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार, गरबा पंडाल में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश की अनुमति होगी। नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीएचपी नेता प्रशांत तित्रे ने कहा कि प्रवेश द्वार पर हर व्यक्ति का आधार कार्ड जांचा जाएगा।
पंडाल में प्रवेश से पहले तिलक लगाना, हाथ में पवित्र धागा बांधना और देवी की पूजा करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही भक्तों पर गोमूत्र का छिड़काव भी किया जाएगा।
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को पंडालों में निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रवेश द्वार पर भगवान विष्णु के वराह अवतार की तस्वीर रखी जाएगी और श्रद्धालुओं को पहले उसकी पूजा करनी होगी। विहिप का कहना है कि यह कदम धार्मिक पवित्रता बनाए रखने और “लव जिहाद” जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
सत्तारूढ़ भाजपा ने इस आदेश का समर्थन किया है और इसे परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण की दिशा में जरूरी कदम बताया है। वहीं, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव गुट) ने इसका विरोध किया। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इसे समाज को बांटने वाला राजनीतिक कदम बताया, जबकि संजय राउत ने आरोप लगाया कि विहिप का उद्देश्य धार्मिक माहौल को उग्र बनाना है, जो महाराष्ट्र और पूरे देश के लिए खतरनाक है।




