NEW DELHI
भारत मंडपम में आयोजित 44वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 अब अपनी समाप्ति की ओर है, लेकिन मेले के अंतिम दो दिनों में झारखंड पैवेलियन सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पैवेलियन में दी जा रही भारी छूट, विविध उत्पादों और मनमोहक प्रस्तुति ने इसे खरीदारों की पहली पसंद बना दिया है। राज्य सरकार का उद्देश्य इन विशेष ऑफर्स के जरिए झारखंड के स्वदेशी उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है, साथ ही स्थानीय कारीगरों, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों और उद्यमियों को आर्थिक मजबूती देना है।
छूट ने बढ़ाई रौनक, स्टॉलों पर उमड़े खरीदार
मेले के अंतिम चरण में झारखंड पैवेलियन के हर स्टॉल पर ग्राहक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। करियातपुर ब्रास द्वारा प्रीमियम पीतल उत्पादों पर दी गई विशेष छूट को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। बारीक नक्काशी वाले घरेलू और सजावटी सामान लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं।
वस्त्रों की श्रेणी में डामू बोडरा के स्टॉल पर हैंडमेड कॉटन और सिल्क सूट पर आकर्षक छूट दी जा रही है, जबकि अनुपमा स्टॉल पर मटका सिल्क और चंदेरी कॉटन की साड़ियाँ और सूट ग्राहकों को खूब लुभा रहे हैं। पारंपरिक हथकरघा वस्त्रों की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, जिससे पैवेलियन में चहल-पहल और बढ़ गई है।
फ्यूज़न ज्वेलरी बना प्रमुख आकर्षण
झारखंड की पारंपरिक कला को आधुनिक अंदाज़ में पेश करने वाला फ्यूज़न ज्वेलरी स्टॉल मेले का ट्रेंडसेटर बना हुआ है। स्टॉल संचालक धीरज जैन के अनुसार, इस विशेष ज्वेलरी लाइन को युवाओं तथा फैशन प्रेमियों से बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। पारंपरा और आधुनिकता के इस खूबसूरत मेल ने लोगों को नई शैली का अनुभव दिया है।
इसके साथ ही झारक्राफ्ट द्वारा रेशमी वस्त्रों, हथकरघा उत्पादों और हस्तशिल्प सामग्री पर दी जा रही छूट ने भी स्टॉल पर खरीदारों की भीड़ बढ़ा दी है। स्थानीय बुनकरों और कारीगरों की मेहनत को पहचान मिलते देख राज्य प्रतिनिधि बेहद उत्साहित हैं।
फूड कोर्ट में झारखंडी स्वाद की धूम
IITF 2025 के फूड कोर्ट में झारखंड के पारंपरिक व्यंजनों ने आगंतुकों का दिल जीत लिया। दाल पीठा, रुगड़ा, चिल्का रोटी, मालपुआ, ठेकुआ और धुस्का जैसे स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने के लिए लोगों की लंबी कतारें लगी रहीं। कई आगंतुकों ने कहा कि मेले में झारखंडी फूड का असली स्वाद उन्हें पहली बार मिला है, जो उन्हें याद रह जाएगा।
मेले के अंतिम चरण में झारखंड पैवेलियन की बढ़ती लोकप्रियता इस बात का संकेत है कि राज्य के स्वदेशी उत्पादों और पाक परंपराओं की पहचान अब देशभर में और मजबूत हो रही है।

