Muzaffarpur
मुजफ्फरपुर में फर्जी MBBS डिग्री का एक बड़ा मामला सामने आने के बाद अब पुलिस की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। शुरुआती जांच के बाद पुलिस को पंजाब के बठिंडा स्थित ADESH University की भूमिका पर भी संदेह हुआ है। इसी क्रम में ब्रह्मपुरा थाना कांड के जांच अधिकारी (IO) प्रेम रंजन कुमार विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार से मिलने पहुंचे, लेकिन वहां से उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली। डिप्टी रजिस्ट्रार ने डिग्री की वैधता से जुड़े सवालों पर गोल-मोल जवाब देकर उन्हें लौटा दिया, जिसके बाद पुलिस अब विश्वविद्यालय को औपचारिक नोटिस भेजने की तैयारी में है।
जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरपुर में 30 लाख रुपये लेकर MBBS में नामांकन और बाद में बठिंडा की ADESH यूनिवर्सिटी से डिग्री दिलाने का दावा किया गया था। एमसीआई ने इस डिग्री को फर्जी घोषित कर दिया है। IO का कहना है कि जांच में इस पूरे रैकेट के तार कम से कम चार राज्यों तक फैले होने के संकेत मिले हैं और कई लोग इसमें शामिल हो सकते हैं।
जिला अपर सत्र न्यायाधीश-11 ने IO की केस डायरी पर विचार करते हुए आरोपित कृष्ण भूषण श्रीवास्तव और अमित श्रीवास्तव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
यह मामला 25 मई को तब दर्ज हुआ था जब बोचहां थाना क्षेत्र के कर्णपुर निवासी सुशांत पुंज ने ब्रह्मपुरा थाने में शिकायत दी। सुशांत ने बताया कि दोनों आरोपित जूरन छपरा में ग्रुप हेल्थ एजुकेशन सोसाइटी नामक संस्थान चलाते थे। उन्होंने दावा किया कि 30 लाख रुपये में सुशांत को MBBS में एडमिशन, वहीं पढ़ाई और ADESH यूनिवर्सिटी से डिग्री दिला दी जाएगी। वर्ष 2017 में पैसे लेने के बाद वर्ष 2022 में सुशांत को डिग्री भी दे दी गई।
मुसीबत तब शुरू हुई जब सुशांत ने प्रैक्टिस के लिए एमसीआई पटना में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया। एमसीआई ने जांच के बाद उसकी डिग्री को फर्जी बता दिया। सुशांत ने जब आरोपितों से बात की, तो उन्होंने छह चेक दिए—लेकिन सभी बाउंस हो गए। इसी तनाव के बीच सुशांत के बड़े भाई को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई।
पुलिस अब रैकेट के पूरे नेटवर्क की छानबीन में जुटी है और जल्द ही ADESH यूनिवर्सिटी से औपचारिक जवाब तलब किया जाएगा।

