पुष्प रंजन
लॉरेंस बिश्नोई और अमित शाह की तथाकथित साठगांठ वाले मीम्स की बाढ़ सी आ गई है। इसके पीछे कनाडियन-अमेरिकन नेटिजन लगे हुए हैं। पूरी दुनिया में कुख्याति फैल रही है। वाशिंगटन पोस्ट जैसा अखबार हमारे गृहमंत्री की अलग से भद्द पीट रहा है। लेकिन बीजेपी की ट्रोल आर्मी जवाब क्यों नहीं दे रही? अमित शाह के लिए अमित मालवीय को एक मारक षड्यंत्र कथा लेकर मैदान में उतरना चाहिए।


गिरिजेश वशिष्ठ-
इस बार कनाडा का रायता गहरा है। सीधे अमित शाह का नाम भी लिया जा रहा है। कनाडा के आरोपों को मनगढ़ंत इसलिए नहीं कहा जा सकता क्योंकि वो 5 आईज़ का सदस्य है ये देश गोपनीय सूचनाएं एक दूसरे से दैनिक रूप से साझा करते हैं यानी जो सूचनाएं कनाडा केपास हैं वो अमेरिका आस्ट्रेलिया ब्रिटेन कनाडा या न्यूजीलैंज किसी के भी जासूसी तंत्र से आई हुई हो सकती हैं। वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट का ये हिस्सा पढ़िए…
रिपोर्ट के कुछ मुख्य बिंदु…। भारत की कथित संलिप्तता पर:
“हमें पता है कि वे नज्जर की हत्या, अन्य हत्याओं और कनाडा में हो रही वास्तविक हिंसा में शामिल हैं,” एक वरिष्ठ कनाडाई अधिकारी ने कहा।
“जाँच से यह सामने आया है कि भारतीय सरकार घरों में घुसपैठ, ड्राइव-बाय शूटिंग, आगजनी और कम से कम एक और हत्या में शामिल रही है।”
कनाडा की कूटनीतिक कार्रवाई:
“कनाडा ने उन छह भारतीय राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया।”
“अधिकारियों ने कहा कि यह पूरा ऑपरेशन ओटावा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा की देखरेख में चल रहा था।”

भारत की प्रतिक्रिया:
“भारत ने इन आरोपों को जोरदार तरीके से खारिज करते हुए उन्हें ‘हास्यास्पद आरोप’ करार दिया और इसे कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की राजनीतिक एजेंडा से जोड़ दिया।”
“भारत ने इसके बाद कनाडा के छह राजनयिकों को भी निष्कासित कर दिया, जिनमें नई दिल्ली में कनाडा के शीर्ष राजनयिक भी शामिल थे।”
ट्रूडो का बयान:
“भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया यह रही है कि उन्होंने इनकार किया, भ्रम पैदा किया, मुझ पर व्यक्तिगत हमला किया और कनाडा की सरकार, उसके अधिकारियों और पुलिस एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया।”
अमित शाह के मामले में:
“कनाडाई अधिकारियों ने भारत के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में अमित शाह की पहचान की, जो मोदी के निकटवर्ती सहयोगी हैं और गृह मामलों के मंत्री के रूप में कार्य करते हैं।”
कनाडा के अधिकारियों के अनुसार, अमित शाह ने कथित तौर पर कनाडा में सिख अलगाववादियों के खिलाफ हिंसा की अनुमति दी थी। शाह ने रॉ (RAW) के उच्च अधिकारियों के साथ मिलकर जासूसी और हिंसक कार्रवाइयों की मंजूरी दी थी। इस जाँच में शाह और भारतीय खुफिया एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी का नाम भी लिया गया है, जो इन हमलों के लिए जिम्मेदार बताए गए हैं।
अजीत डोभाल की गुप्त बैठक पर:
“डोभाल ने यह स्वीकार किया कि भारत ने अपने राजनयिकों को लोगों का पीछा करने, तस्वीरें लेने, आदि करने के लिए इस्तेमाल किया, लेकिन धमकियों या हिंसा में किसी भी संलिप्तता से इनकार किया।”
“जब कनाडाई अधिकारियों ने भारत द्वारा बिश्नोई के गैंग नेटवर्क को हमलों के लिए इस्तेमाल किए जाने का सबूत पेश किया, तो डोभाल ने शुरू में बिश्नोई को पहचानने से इंकार कर दिया, लेकिन बाद में उसके बारे में तथ्य और आंकड़े साझा किए।”
आरसीएमपी का बयान:
“भारत द्वारा की जा रही हिंसा जनता की सुरक्षा के लिए एक ‘महत्वपूर्ण खतरा’ बन चुकी है, और कम से कम आठ लोगों को हत्या के मामलों में गिरफ्तार किया गया है।”
शीतल पी सिंह-
डंका ऐसा बज रहा है दुनिया में कि हमारी सरकार को दुनिया के सबसे प्रभावशाली देशों का समूह क्रिमिनल्स / गैंगस्टर में शुमार कर रहा है।
कनाडा की शिकायत पर अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड ने सहमति जता दी है।