दिल्ली
दिल्ली में शनिवार को भारी बारिश के बीच एक के बाद एक दो बड़े हादसों ने लोगों को हिला कर रख दिया। पहले जैतपुर के हरिनगर इलाके में दीवार गिरने से आठ लोगों की मौत की खबर आई थी, और अब कड़कड़डूमा स्थित कॉसमॉस अस्पताल में आग लगने की दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति की जान चली गई जबकि कई अन्य झुलस गए।
दमकल विभाग को दोपहर करीब 12:20 बजे अस्पताल में आग लगने की सूचना मिली। शुरुआती जानकारी के अनुसार, आग अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर बने सर्वर रूम में लगी थी, जो तेजी से फैलती चली गई। दमकल विभाग की आठ गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया।
धुएं के कारण अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई और मरीजों को निकालने में खासी मुश्किलें आईं। दमकल और पुलिस कर्मियों ने शीशे तोड़कर मरीजों को बाहर निकाला। अस्पताल के आठ मरीजों को तुरंत पास के पुष्पांजलि अस्पताल में शिफ्ट किया गया।
इस हादसे में एक हाउसकीपिंग स्टाफ अमित की दम घुटने से मौत हो गई। बताया गया कि शुरू में वह अस्पताल की छत पर था, लेकिन बाद में तीसरी मंजिल के एक बाथरूम में खुद को बंद कर लिया था। समय पर बाहर न निकल पाने के कारण उसकी जान नहीं बच सकी।
इसके अलावा तीन अन्य कर्मचारियों – हरदेवी, नरेश और अमित – को भी अस्पताल से सुरक्षित निकाला गया, जिनमें हरदेवी और नरेश की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आग लगने के तुरंत बाद बाकी ऑक्सीजन सिलेंडर को बाहर निकाल लिया गया था, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
अग्निशमन अधिकारी अशोक कुमार जायसवाल ने बताया कि आग सर्वर रूम से शुरू होकर सीढ़ियों के जरिए ऊपरी मंजिलों तक पहुंच गई थी। फायर ब्रिगेड की टीम ने 11 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, हालांकि एक कर्मचारी की जान नहीं बच सकी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आग लगने की असल वजह क्या थी।




