नई दिल्ली
नोएडा के सेक्टर-70 में एक साधारण-से दिखने वाले घर में बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा था। बाहर से देखने पर यह घर आम था, एक मंज़िला इमारत, टूटी-फूटी ज़मीन और कुछ पौधे। लेकिन इसी जगह पर एक बोर्ड लगा था, जिस पर लिखा था “INTERNATIONAL POLICE & CRIME INVESTIGATION BUREAU”, और उस पर पुलिस जैसा लोगो भी बना हुआ था।
हाल ही में जब पुलिस ने यहां छापा मारा, तो सामने आया कि यह कोई असली अंतरराष्ट्रीय एजेंसी नहीं, बल्कि एक फर्जी संगठन था, जिसे पश्चिम बंगाल के 6 लोगों ने मिलकर बनाया था। इनमें टीएमसी के पूर्व नेता बिभास चंद्र अधिकारी, उनके बेटे अर्घ्य और 4 अन्य लोग शामिल हैं। सभी को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
क्या था इनका तरीका?
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लोगों को डरा-धमका कर उनसे पैसे वसूलता था। ये लोग खुद को अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों जैसे इंटरपोल, इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन, “एशिया पोल” आदि से जुड़ा बताते थे। इन लोगों ने नकली वेबसाइट, सील, पहचान पत्र और दस्तावेज तैयार कर रखे थे।
बिभास चंद्र अधिकारी की वेबसाइट के जरिए ‘डोनेशन’ ली जाती थी, वहीं उसका बेटा अर्घ्य ‘नेशनल ब्यूरो ऑफ सोशल इन्वेस्टिगेशन एंड सोशल जस्टिस (NBSISJ)’ नाम से एक और फर्जी संस्था चला रहा था। वह खुद को इसका ‘नेशनल सेक्रेटरी जनरल’ बताता था।
नकली समन और सुनवाई का ड्रामा
यह गिरोह लोगों को संपत्ति विवाद जैसे मामलों में कोर्ट जैसी भाषा में समन भेजता था। इन समनों में नकली केस नंबर, सील और अधिकारियों के हस्ताक्षर होते थे। लोगों को NBSISJ के ऑफिस में “सुनवाई” के लिए बुलाया जाता था और न आने पर कार्रवाई की धमकी दी जाती थी।
क्या मिला पुलिस को?
छापे के दौरान पुलिस को निम्न चीजें मिलीं:
- नकली सरकारी मंत्रालयों के प्रमाणपत्र (जैसे कि आदिवासी कार्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय आदि)
- प्रेस कार्ड और मानवाधिकार पहचान पत्र
- नकली सीलें और इंटरपोल जैसे नामों वाले बोर्ड
पूरे देश में फैला था नेटवर्क
नोएडा का ऑफिस 4 दिन पहले ही खोला गया था, जिसे जून में किराए पर लिया गया था। इससे पहले इन लोगों ने कोलकाता के बेलघरिया और CIT रोड पर भी ऐसे फर्जी ऑफिस चला रखे थे।
कोलकाता में अधिकारी एक नीली बत्ती वाली गाड़ी और हथियारबंद गार्ड्स के साथ पहुंचते थे, जिससे लोगों पर रौब पड़ता था।
बिभास चंद्र अधिकारी का इतिहास
- पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के नलहाटी से पूर्व टीएमसी ब्लॉक अध्यक्ष
- चार कॉलेजों का मालिक, जिनमें एक आयुर्वेद कॉलेज और एक B.Ed कॉलेज शामिल है
- एक आश्रम (सत्संग मिशन साधनपीठ) और फार्मा कंपनी भी चलाते हैं
- 2021 के बाद टीएमसी से बाहर कर दिए गए थे
- उन पर शिक्षक भर्ती घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में CBI और ED की जांच चल रही है
- 2023 में नई पार्टी बनाई — ऑल इंडिया आर्य महासभा
अब पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है और जांच जारी है कि कितने लोगों को इन्होंने ठगा है और पैसा वसूला है।




