बिहार–झारखंड बॉर्डर पर हाथियों का आतंक, कई गांवों की फसल तबाह


Ranchi/Patna

बिहार–झारखंड की सीमा पर इन दिनों हाथियों का एक बड़ा झुंड डेरा जमाए हुए है, जिसकी वजह से आसपास के कई गांवों के लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, करीब 22 हाथियों का यह समूह पिछले दो दिनों से खेतों में खड़ी फसलों को रौंद रहा है। झुंड में एक छोटा हाथी भी शामिल है। लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए पुलिस और वन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

सूत्रों के अनुसार, यह झुंड शुक्रवार रात से जमुई जिले के चकाई प्रखंड स्थित बरमोरिया–पन्ना जंगल के इलाके में घूम रहा है। घने जंगलों से घिरा यह इलाका हाथियों के लिए सुरक्षित माना जाता है। लेकिन इस बार इनके आने से ग्रामीणों की अरहर, धान और आलू जैसी फसलें बड़ी मात्रा में नष्ट हो गई हैं। कई गांवों में खलिहान में रखे धान का भी हाथियों ने सेवन कर लिया।

चकाई वन क्षेत्र अधिकारी अभिमन्यु कुमार ने बताया कि कुल 23 हाथियों का यह समूह विभिन्न इलाकों में भटक रहा है। इनमें से एक हाथी झुंड से अलग हो गया, जिसे गिरिडीह के जमुआ क्षेत्र में घूमते देखा गया है। माना जा रहा है कि मुख्य झुंड उसी हाथी के लौटने का इंतजार कर रहा है। जैसे ही वह मिल जाएगा, पूरा समूह आगे बढ़ सकता है। वन विभाग लगातार उनकी गतिविधि पर नजर रख रहा है और उन्हें सुरक्षित तौर पर जंगल की ओर वापस भेजने की कोशिश जारी है।

गौरतलब है कि यही झुंड मंगलवार रात को गिरिडीह शहर के पास तेलोडीह गांव भी पहुंचा था, जहां हाथियों ने कई घरों और अनाज के भंडार को नुकसान पहुंचाया था। ग्रामीणों के बीच उस वक्त भी भारी दहशत का माहौल बन गया था।

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बिहार–झारखंड बॉर्डर पर हाथियों का आतंक, कई गांवों की फसल तबाह

Elephant Herd Creates Panic Along Bihar Jharkhand Border

Ranchi/Patna

बिहार–झारखंड की सीमा पर इन दिनों हाथियों का एक बड़ा झुंड डेरा जमाए हुए है, जिसकी वजह से आसपास के कई गांवों के लोग दहशत में हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, करीब 22 हाथियों का यह समूह पिछले दो दिनों से खेतों में खड़ी फसलों को रौंद रहा है। झुंड में एक छोटा हाथी भी शामिल है। लगातार हो रहे नुकसान को देखते हुए पुलिस और वन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

सूत्रों के अनुसार, यह झुंड शुक्रवार रात से जमुई जिले के चकाई प्रखंड स्थित बरमोरिया–पन्ना जंगल के इलाके में घूम रहा है। घने जंगलों से घिरा यह इलाका हाथियों के लिए सुरक्षित माना जाता है। लेकिन इस बार इनके आने से ग्रामीणों की अरहर, धान और आलू जैसी फसलें बड़ी मात्रा में नष्ट हो गई हैं। कई गांवों में खलिहान में रखे धान का भी हाथियों ने सेवन कर लिया।

चकाई वन क्षेत्र अधिकारी अभिमन्यु कुमार ने बताया कि कुल 23 हाथियों का यह समूह विभिन्न इलाकों में भटक रहा है। इनमें से एक हाथी झुंड से अलग हो गया, जिसे गिरिडीह के जमुआ क्षेत्र में घूमते देखा गया है। माना जा रहा है कि मुख्य झुंड उसी हाथी के लौटने का इंतजार कर रहा है। जैसे ही वह मिल जाएगा, पूरा समूह आगे बढ़ सकता है। वन विभाग लगातार उनकी गतिविधि पर नजर रख रहा है और उन्हें सुरक्षित तौर पर जंगल की ओर वापस भेजने की कोशिश जारी है।

गौरतलब है कि यही झुंड मंगलवार रात को गिरिडीह शहर के पास तेलोडीह गांव भी पहुंचा था, जहां हाथियों ने कई घरों और अनाज के भंडार को नुकसान पहुंचाया था। ग्रामीणों के बीच उस वक्त भी भारी दहशत का माहौल बन गया था।

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