रांची
बड़कागांव की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद के भाई अंकित राज के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच लगातार तेज होती जा रही है। हाल ही में ED ने अंकित राज की करीब 3.02 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कर ली हैं। अब इस कार्रवाई की औपचारिक पुष्टि ED ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कर दी है।
ED ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर लिखा: “जबरन वसूली, अवैध रेत खनन, सरकारी कार्यों में बाधा डालने और ‘झारखंड टाइगर ग्रुप’ नामक एक उग्रवादी संगठन को संचालित करने से संबंधित एक मामले में, पीएमएलए 2002 के तहत अंकित राज से जुड़ी कुल 30 चल/अचल संपत्तियों (मूल्य ₹3.02 करोड़) को 14/08/2025 को अस्थायी रूप से जब्त किया गया है।“
यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है। ED के अनुसार, अंकित राज न केवल अवैध बालू खनन और जबरन वसूली में शामिल थे, बल्कि उन्होंने ‘झारखंड टाइगर ग्रुप’ नामक एक कथित उग्रवादी संगठन का भी संचालन किया, जो सरकारी कार्यों में बाधा डालता रहा है।
जांच का पूरा घटनाक्रम
- मार्च 2024 और जुलाई 2025 में ED ने अंबा प्रसाद के परिवार और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
- 18 जुलाई 2025 को माइनिंग ऑफिस का सर्वे भी किया गया।
- जांच में सामने आया कि सोनपुर घाट का खनन लाइसेंस वर्ष 2019 में समाप्त हो चुका था, इसके बावजूद अंकित राज द्वारा प्लांडू स्थित दामोदर नदी से बालू का अवैध खनन जारी था।
राजनीतिक हलकों में हलचल
इस खुलासे के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। ED के आरोप गंभीर हैं और यदि जांच में पुष्टि होती है कि अंकित राज वास्तव में किसी उग्रवादी संगठन से जुड़े हैं, तो यह कानून-व्यवस्था की दृष्टि से एक चिंताजनक मामला होगा।




